चंडीगढ़। पंजाब में कीटनाशक घोटाले की गूंज अभी थमी नहीं थी कि अब मटर बीज घोटाला सामने आ गया है, जिसने पंजाब सरकार की चिन्ताओं को बढ़ा दिया है।
मालवा में अब भी कपास की फसल पर नकली कीटनाशकों के प्रयोग के कारण हुई तबाही का दर्द थमा नहीं है। किसानों ने कपास की फसल की हुई तबाही के लिए सरकार पर तीखे हमले किए थे।
दोआबा में अब मटर बीज घोटाला सरकार के लिए नई सिरदर्दी पैदा करने जा रहा है। किसानों ने पहले ही इस मामले में उच्च स्तरीय जांच की वकालत करनी शुरू कर दी है।
नवांशहर में शिक्षा मंत्री दलजीत सिंह चीमा की अध्यक्षता में हुई कमेटी की बैठक में शिकायत निवारण कमेटी के सदस्यों में नकली मटर बीज घोटाले को लेकर लिखित शिकायत सौंप दी है।
शिकायत में कांग्रेस तथा भाजपा नेताओं ने संयुक्त रूप से कहा है कि राज्य कृषि विभाग ने दावा किया था कि उसने राष्ट्र्ीय बीज निगम से मटर की फसल के लिए बीज खरीदे थे, जो अच्छे नतीजे देने में असफल रहे।
पूरी फसल ही खराब हो गई है। ज्ञापन में आरोप लगाया गया है कि किसानों को मटर के बीज 21000 रुपए प्रति किंवटल के हिसाब से दिए गए थे, जबकि बाजार में यह बीज 16000 रुपए प्रति किंवटल के हिसाब से मिल रहे थे।
कृषि विभाग के अधिकारियों पर हमला करते हुए शिकायत में कहा गया है कि यह बीज लुधियाना स्थित फर्म से खरीदे गए थे। फर्म की कम्पनी ने सरकारी अधिकारियों को इस वर्ष विदेशी दौरा भी करवाया था।
इस मामले में की विजीलैंस जांच की मांग की गई है। शिकायत में कहा गया है कि किसानों को सरकार 50000 रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा प्रदान करे ताकि किसानों का बचाव हो सके।
किसानों की मटर की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है। लाखों रुपए खर्च करने के बावजूद किसानों को कुछ भी लाभ नहीं हुआ है।
पंजाब कांग्रेस विधायक के पूर्व नेता सुनील जाखड़ ने अकाली सरकार को घोटालों की सरकार करार देते हुए कहा है कि मौजूदा सरकार के कार्यकाल में हमेशा घोटाले ही सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों को बचाने की कोशिश नहीं की।
कपास उत्पादक किसानों के लिए मुआवजा पैकेज घोषित किया गया था, परन्तु मुआवजे की राशि अभी तक किसानों को नहीं मिली। उन्होंने कहा कि मटर बीज घोटाले की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए ताकि दोषियों को दंडित किया जा सके।