नई दिल्ली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से लिए गए नोटबंदी के फैसले की तारीफ कर चुके माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स ने अब यूटर्न ले लिया है। बिल गेट्स ने बुधवार को नोटबंदी के फैसले को शैडो इकॉनमी से बाहर निकलने की दिशा में महत्वपूर्ण और साहसी कदम करार दिया था।
एक वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक गुरुवार को उन्होंने एक दिन पहले की अपनी राय से पलटते हुए कहा कि डीमॉनेटाइजेशन पर उनकी कोई राय नहीं है। गेट्स ने डिजिटल इकॉनमी को बढ़ावा देने की पुरजोर वकालत की, लेकिन मोदी सरकार के फैसले को लेकर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।
बुधवार को एक कार्यक्रम में गेट्स ने कहा था, ‘बड़े नोटों का विमुद्रीकरण करना और तमाम सिक्यॉरिटी फीचर्स के साथ नए नोट लाए जाने से शैडो इकॉनमी खत्म होगी और भारत पारदर्शी अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ सकेगा। इसके अलावा अब यहां डिजिटल ट्रांजैक्शंस को भी बढ़ावा मिल सकेगा।’ लेकिन गुरुवार को कुछ चुनिंदा पत्रकारों से बातचीत में वह नोटबंदी पर कोई कॉमेंट करने से बचते दिखे।
एक पत्रकार ने बिल गेट्स से पूछा, ‘हमने आज के अखबारों में देखा कि आपने मोदी सरकार की ओर से नोटबंदी के फैसले की तारीफ की है। क्या आप मानते हैं कि लोगों का अपने ही पैसे के लिए लाइन में लगना गुड गवर्नेंस है।’ इस पर बिल गेट्स ने जवाब दिया, ‘मुझे इस पर कुछ नहीं कहना है। किसी ने मेरी राय नहीं ली है।’
अपने पिछले बयान पर सफाई को लेकर उन्होंने कहा, ‘मैं इस बात का पहले ही जवाब दे चुका हूं। नोटबंदी से पहले या बाद में मुझसे किसी ने भी राय नहीं ली। जितना मैं जानता हूं कुछ दिनों पहले मैंने इसके बारे में अखबारों में पढ़ा था।
जब मैं एयरपोर्ट पर था, तब लंबी लाइनें लगी हुई थीं। किसी ने इस पर ध्यान दिलाया और कहा कि यह नोटबंदी के चलते है। मैं डीमॉनेटाइजेशन से भी अलग डिजिटाइजेशन के बारे में सोचता हूं।’ बिल गेट्स ने कहा, ‘निश्चित तौर पर मैं डिजिटाइजेशन का सपोर्टर हूं। डीमॉनेटाइजेशन के बारे में मेरी कोई राय नहीं है।’