आलोट/रतलाम। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने तहसीलदार आलोट की जीप जप्त कर न्यायालय ने अपनी सूपूर्दगी में ले ली।
अभिभाषक लोकमान्य मेव एवं जाहिद खान मुलतानी ने बताया कि प्रार्थियां जाहिदा बी पिता आशिक खां मेवाती निवासी मेवातीपुरा आलोट ने शासन की योजनानुसार वन्ध्याकरण आपरेशन बच्चा बंद होने के लिए 2 नवंबर 2007 को स्थानीय शासकीय चिकित्सालय में डा. आरसी वर्मा द्वारा आपरेशन किया गया था तथा आपरेशन सफल होने बाबत एक प्रमाण पत्र भी प्रार्थियां को दिया था, जिसका आपरेशन रजिस्टे्रशन नं. 11/5 पर दर्ज है तथा प्रार्थियां को ऐसा लगा कि उक्त आपरेशन के पश्चात पुन: गर्भवती हो गई है।
इस संबंध में विधिवत शासकीय चिकित्सा आलोट में जांच करवाई गई तो पता लगा कि प्रार्थियां गर्भवती है। इसके पश्चात प्रार्थियां की ओर से कलेक्टर, जिला चिकत्सालय एवं डा.आर.सी. वर्मा को आपरेशन फेल होने की शिकायत की गई। इसके पश्चात 19.12.10 को प्रार्थियां को एक पुत्री उक्त आपरेशन के बाद चिकित्सालय आलोट में पैदा हुई।
इस संबंध में उक्त अधिकारियों को पुन: लिखित में शिकायत की कि प्रार्थियां अत्यंत गरीब है तथा उसका गरीबी रेखा कार्ड भी बना हुआ है। प्रार्थियां ने अपनी गरीबी की स्थिति के अनुसार उक्त आपरेशन करवाया था,परन्तु इसके पश्चात भी संतान पैदा हुई। इस कारण प्रार्थियां को क्षतिपूर्ति राशि एवं शासन के नियमानुसार आपरेशन बीमा राशि प्रदान की जाए।
इसकी प्रतिलिपि मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री को भी प्रेषित की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। तब मजबूरन न्यायालय में जाना पड़ा। प्रार्थियां द्वारा एक वाद् क्षतिपूर्ति राशि प्राप्त करने हेतु अपर जिला सत्र न्यायाधीश आलोट की अदालत में 6 जनवरी को 11 को पेश किया था।
जिसका निर्णय 16.10.14 को प्रार्थियां के पक्ष में किया गया तथा कलेक्टर, जिला चिकित्सालय रतलाम एवं डा. आरसी वर्मा आपरेशन कर्ता से संयुक्त या पृथक रुप से प्रार्थियां को 2 लाख रुपए पाने की अधिकारी बताया तथा दावा दिनांक से वसूली दिनांक तक 6 प्रतिशत वार्षिक दर से उक्त राशि पर ब्याज भी पाने का अधिकारी बताया।
अभिभाषक द्वय ने बताया कि इसके पश्चात प्रार्थियां ने उक्त रुपयों की वसूली मय ब्याज से प्राप्ति हेतु न्यायालय में आवेदन दिया था, जिस पर से न्यायालय ने उक्त अधिकारियों को उक्त राशिमय ब्याज के अदा करने हेतु आदेशित किया था, जिसमें यह भी उल्लेख किया था कि यदि उक्त राशि मय ब्याज के अदा नहीं की जाती है तो उनकी चल-अचल संपत्ति कुर्क की जाए।
उक्त आदेश के पालन में न्यायालय आलोट के नाजीर अजय विश्वकर्मा ने मय दलबल के साथ तहसील कार्यालय आलोट में खड़ी जीप जो कि कलेक्टर रतलाम के नाम से दर्ज है, जो वर्तमान में तहसीलदार आलोट के अधिन है को जप्त किया गया तथा मौके पर ही विधिवत पंचनामा बनाकर उक्त वाहन क्रमांक एमपी 02 ए.बी. 2109 को न्यायालय की सूपूर्दगी में दिया गया।