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After the birth of Krishna in nandotsav celebrations in Mathura and Vrindavan
Home Breaking कान्हा के जन्म के बाद मथुरा-वृंदावन में मनाया जा रहा नंद महोत्सव

कान्हा के जन्म के बाद मथुरा-वृंदावन में मनाया जा रहा नंद महोत्सव

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कान्हा के जन्म के बाद मथुरा-वृंदावन में मनाया जा रहा नंद महोत्सव
After the birth of Krishna in nandotsav celebrations in Mathura and Vrindavan
After the birth of Krishna in nandotsav celebrations in Mathura and Vrindavan
After the birth of Krishna in nandotsav celebrations in Mathura and Vrindavan

लखनऊ। कान्हा के जन्म के बाद समूचे उत्तर प्रदेश में उल्लास का माहौल है। घरों और मंदिरों में दही, मिश्री और माखन से कन्हैया का भोग लग रहा है। उधर, ब्रज क्षेत्र के मथुरा-वृंदावन में आज जगह-जगह नंद महोत्सव मनाया जा रहा है।

नंदबाबा के पूर्वजों द्वारा बसाया गया नंदगांव बालकृष्ण के अवतरण की खुशी में आज डूबा हुआ है। चारों ओर ‘नंद घर आनंद भयो जै कन्हैया लाल की’ के उदघोष सुनाई दे रहे हैं। हर कोई धोती, बगलबंदी, पीताम्बर पहन माथे पर चंदन लगा नंदोत्सव की मस्ती में मस्त है।

नंदभवन को दुलहन की तरह सजाया गया है। द्वारों पर फूल और पत्तियों से बने बंदनवार बांधे गए हैं। नंदीश्वर पर्वत स्थित प्रसिद्ध नंदबाबा मंदिर में नंदमहोत्सव के अवसर पर आज बधायी गायन का कार्यक्रम है। ये आयोजन द्वापर युग की कथा को एक बार फिर जीवंत कर रहे हैं।

गौरतलब है कि कल श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व पूरे प्रदेश में धूमधाम से मनाया गया। घरों, मंदिरों के अलावा, थानों, पुलिस लाइनों और कारागारों में भी रात 12 बजे कान्हा का जन्म हुआ।

राजधानी लखनऊ के पुलिस लाइन में आयोजित जन्मोत्सव में प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी पहुंचे थे। राम नगरी अयोध्या, वाराणसी, इलाहाबाद समेत प्रदेश के हर जिले में भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया।

रात 12 बजे जैसे ही कान्हा का जन्म हुआ। ‘ब्रज में आनंद भयौ, जय हो नन्दलाल की, नंद के आनंद भयौ जय हो कन्हैया लाल की’ के उद्घोष से पूरा वातावरण कृष्णमय हो गया। मथुरा-वृंदावन में 30 लाख श्रद्धालु इस जन्मोत्सव के साक्षी बने।

भगवान के जन्म के साथ ही मथुरा की गलियों में हर ओर मंगल ध्वनि और कीर्तन सुनाई दे रहा था। भारी संख्या में विदेशी श्रद्धालु भी वहां पहुंचे हुए थे। ‘नन्द के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की’ का कीर्तन सभी मंदिरों और गलियों में सुनाई दिया। कई जगह तो भक्त भगवान की पालकी सिर पर रखकर भक्तिभाव में मगन नजर आ रहे थे।

ब्रज क्षेत्र में इस बार कान्हा का जन्मोत्सव कन्या रक्षा के संकल्प के साथ मनाया गया। प्रथम बार कृष्ण जन्मोत्सव के दिव्य प्राकट्य उत्सव में रजत कमल पुष्प में विराजमान होकर ठाकुरजी ने भक्तों को दर्शन दिए।

अर्द्ध स्वचलित इस कमल पुष्प में लगे बटन को घुमाते ही कमल पंखुडियां स्वतः खुल गईं और कमल ह्दय में विराजमान भगवान श्रीकृष्ण के चल विग्रह के दर्शन कर श्रद्धालुओं ने अपने आप को धन्य किया।

रात्रि 12.10 बजे कमल पुष्प में विराजमान भगवान के चल विग्रह की विशेष रूप से तैयार कराये गये अद्भुत महाभिषेक मंच पर स्थापित चैकी पर विराजमान हुए। इसके बाद भगवान के दर्शन मात्र से दैविक, दैहिक एवं भौतिक तापों का शमन करने वाले परम कल्याणकारी महाभिषेक किया गया। रात्रि 12.40 बजे से श्रद्धालुओं ने भगवान की श्रंगार आरती के दर्शन किए।

रात्रि से ही नंदोत्सव की खुशी में डूबे ब्रजवासी पारम्परिक वेशभूषा से सुसज्जित हो माथे को केसर कुमकुम आदि के चंदन से सजा कर नंदभवन पहुंचे। कान्हा और बलराम के चरणों में बंदन कर नंदमहोत्सव की तैयारियों में जुट गए।