जोधपुर। आश्रम की नाबालिग छात्रा से यौन शोषण के आरोपी आसाराम को दीपावली के अवकाश के बाद सोमवार को कोर्ट खुलने पर सुनवाई के लिए पेश किया गया। इस दौरान उनके दर्शनों के लिए समर्थकों की काफी संख्या में भीड़ जुट गई। वे आसाराम के नजदीक जाने लगे। तब पुलिस ने डंडे फटकार के उन्हें कोर्ट परिसर से खदेड़ा।
आसाराम ने गिरफ्तारी के बाद इस साल भी अपनी दिवाली जेल के भीतर मनाई थी। जेल में यह उनकी पांचवी दिवाली थी। हालांकि दिवाली पर देश के विभिन्न प्रदेशों से उनके समर्थक जोधपुर आए थे।
वे सेंट्रल जेल पहुंचे और जेल प्रशासन से एक बार आसाराम को बाहर लाने के लिए प्रार्थना की लेकिन जेल प्रशासन ने नियमों का हवाला देते हुए उनके आग्रह को ठुकरा दिया। इसके बाद उनके समर्थकों ने जेल के बाहर ही रंगोली और दीप माला सजाकर व आसाराम की तस्वीर की पूजा अर्चना करके दिवाली मनाई। दिवाली से ये समर्थक जोधपुर में ही डटे हुए थे।
सोमवार को जब आसाराम को दिवाली का अवकाश खत्म होने पर सुनवाई के लिए अनुसूचित जाति जनजाति के विशिष्ट न्यायालय के न्यायाधीश मधुसूदन शर्मा की अदालत में पेश किया गया तब ये समर्थक कचहरी परिसर में एकत्रित हो गए।
ये समर्थक आसाराम के नजदीक जाकर आशीर्वाद लेने की कोशिश करने लगे तो पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए उन्हें वहां से खदेड़ दिया।
अपनी तो हर रोज दिवाली : आसाराम
सुनवाई के बाद कोर्ट से बाहर आकर आसाराम ने मीडिया को कहा कि उनकी तो हर रोज दिवाली है। हरी करे सो खरी। कोर्ट की खराब लिफ्ट पर भी उन्होंने नाराजगी जताई और कहा कि यहां तो हर रोज ये ही हाल है। इतना कहकर वे वहां से रवाना हो गए। इस दौरान उन्होंने अपने समर्थकों का अभिवादन स्वीकार किया और उन्हें हाथ ऊपर उठाकर आशीर्वाद भी दिया।
उल्लेखनीय है कि आसाराम का मामला अंतिम पड़ाव में पहुंच गया है। इसमें बचाव पक्ष की तरफ से अंतिम बहस पूरी हो चुकी है। बचाव पक्ष के भी सभी गवाहों के बयान पूरे हो गए है। मामले में शीघ्र ही फैसले की उम्मीद जताई जा रही है। सोमवार को अभियोजन पक्ष की तरफ से बहस के लिए समय मांगने पर सुनवाई 25 अक्टूबर तक मुलतवी कर दी गई।