सिरोही। खत का मजमून भांप लिया लिफाफा देखकर, नाम बडे और दर्शन छोटे और ऐसे ही जुमले सिरोही नगर परिषद के वर्तमान बोर्ड के पहली बैठक के एजेंडे को देखने के बाद दिमाग में उमडने लगे है। इसका प्रमाण नगर परिषद आयुक्त की ओर से नव निर्वाचित सभापति ताराराम माली की सहमति से निकाला गया पहली बैठक के एजेंडे से मिल रहा है।
इस बोर्ड में भले ही पढे-लिखे और युवा पार्षदों को भेजा गया हो, लेकिन पहला एजेंडा यही दिखा रहा है कि इसे अधिकारी और बाबू ही चलाएंगे। सबसे महत्वपूर्ण बात यह कि पिछले बोर्ड के भ्रष्टाचार के जिस मुददे को लेकर शहरवासियों ने भाजपा को बोर्ड बनाने का मौका दिया, वह मुददा ही नदारद रहा। इतना ही नहीं अपने ही मंत्री और जिले में पार्टी के प्रमुख पदाधिकारियों की ओर से उठाए गए, सीसीटीवी खरीद की अनियमितता, ट्राफिक सिगनल, हाइमास्ट लाइट के इंस्टोलेशन, झूले, पैलेस रोड पर लगी कुर्सियों समेत स्टोर से की गई अन्य खरीद के मामलों को तो सभापति ने दरकिनार ही कर दिया।
इसके लिए नवनियुक्त पार्षदों ने सभापति और आयुक्त को ज्ञापन देकर सीसीटीवी खरीद के मुददे को बोर्ड की बैठक में शामिल करने की मांग करके अपनी मंशा साफ कर दी है, अब गेंद सभापति और आयुक्त के पाले में है कि वह शहरवासियों को इन मुददों पर अपनी नीयत स्पष्ट करें।
ऐजेंडे में है यह चार मुददे
सभापति के निर्देशानुसार आयुक्त ने 10 नवम्बर को साधारण बैठक करवाने के लिए 4 नवम्बर को सभी पार्षदों को पत्र जारी किया। इसमें पहला बिंदु पुराने पार्षदों की विदाई और नए पार्षदों के स्वागत का बिंदु है।
दूसरा एजेंडे से संदेह शुरू हो जाता है। वसुंधरा राजे सरकार ने सभापति के सीधे चुनाव को इसलिए हटाया कि सभापति पार्षदों से चर्चा किए बिना ही मनमर्जी से विकास के काम के नाम पर कोई भी प्रस्ताव रख देते थे। इस बिंदु में लिखा है विकास कार्यों पर चर्चा। अब जब पार्षदों को सूचना देकर उनके वार्ड में विकास के मुददे ही नहीं मांगे तो चर्चा क्या करेंगे। जबकि होना यह चाहिए कि पहले पार्षदों से प्रस्ताव मांगे जाते बैठक होने तक लेखाकार यह देख लेता कि किस मद मंे कितना पैसा है और कौनसा काम हो सकता है। बोर्ड की बैठक होने बजट की उपलब्धता के अनुसार इन मुददों को पास कर दिया जाता और देरी नहीं होती। अब पार्षद बैठक में प्रस्ताव रखेंगे, उसके बाद बजटीय उपलब्धता देखी जाएगी और फिर बजट उपलब्ध होगा तो काम होगा वरना अटकेगा। इसके अलावा एजेंडे में विकास कार्यों के स्पष्ट उल्लेख नहीं होने पर सीसीटीवी कैमरे के मामले की तरह अधिकारी बोर्ड में इस तरह के अनियमितता और राजकोष को नुकसान पहुंचाने वाले मुददे रखकर पार्षदों की बदनामी का रास्ता और खोल सकते है।
तीसरा मुददा है सफाई और बिजली व्यवस्था दुरुस्त करने का। इसमें यह बताना जरूरी है कि पिछला बिजली का ठेका प्रति जोन पचास हजार रुपए का था, जिसे बिना एस्टीमेट बनाए हुए बढाकर पौने दो लाख रुपए का करके राजकोष को नुकसान पहुंचाने के आरोप लगे। इसी तरह का खुलासा मीडिया रिपोर्टों में सफाई ठेके के लिए भी हो चुका है। हो न हो शहर की सफाई व्यवस्था को फिर से ठेके पर दिए जाने की बात भी हो सकती है क्योंकि इस तरह के मुददे को पिछले बोर्ड की बैठक में नए बोर्ड के लिए पेंडिंग छोड दिया गया था। यह दोनों मुददे ही वर्तमान बोर्ड की इस नीयत का खुलासा कर देगा कि शहरवासियों ने कितने जनहितैषी पार्षद नगर परिषद में भेजे हैं और वर्तमान भाजपा बोर्ड किस तरह से कांग्रेस के पिछले बोर्ड से अलग है। वैसे शहर में शाहजी की बाडी में काटे गए सालों पुराने पेड ने शहरवासियों में शंका तो पैदा कर ही दी है।
चैथा मुददा है नगर परिषद में कार्मिकों की कमी पर चर्चा। यह भी बडा हथियार है। इस मुददे पर बोर्ड के द्वारा यह प्रस्ताव लेकर भेजने की मंशा जताई जा सकती है कि पूर्व में एपीओ किए गए कार्मिकों को रिलीव नहीं किया जाए या फिर नगर परिषद में अनियमितताएं करने वाले कार्मिकों का प्रमोशन कर दिया जाए। इस मुददे पर भी वर्तमान पार्षदों बोर्ड की बैठक में सोच समझकर निर्णय नहीं किया तो बदनामी गले पड सकती है।
भ्रष्टाचार का मुददा नदारद
सबसे महत्वपूर्ण बात एजेंडे में पिछले बोर्ड में हुए भ्रष्टाचारों की जांच करवाने और सीसीटीवी कैमरे के मुददे पर चर्चा करना तक मुनासिब नहीं समझा गया, यह बात अलग है कि पार्षदों ने अपने स्तर पर जागरूकता दिखाते हुए इसके लिए सभापति ताराराम माली को ज्ञापन दिया है। वैसे इस बैठक से पहले पिछली बैठक के मुददों की पुष्टि होती है। इस बोर्ड की पहली बैठक में पिछली बैठक के निर्णयों की पुष्टि करवाने के बहाने सीसीटीवी कैमरे को भी शामिल किया जा सकता है, इससे इसके प्रस्ताव पर पूरी तरह से मोहर लग जाएगी। ऐसे में पुष्टि के दौरान ही सीसीटीवी कैमरे के पूर्व बैठक के प्रस्ताव को निरस्त करने की मांग उठते ही यह मामला खटाई में पड जाएगा। इस मुददे को एजेंडे में शामिल नहीं किया गया है, यह भी एक तरह से नव निर्वाचित पार्षदों को अंधेरे में रखने जैसा है।
यह लिखा पार्षदों ने ज्ञापन में
शहर में नगर परिषद की ओर से लगाए जा रहे सीसीटीवी कैमरों के मामले को पहली बैठक के एजेंडे में शामिल करने के लिए ज्ञापन सौंपा। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस ज्ञापन को सौंपने वालों में कांग्रेस और भाजपा के पार्षद शामिल थे, जो इस बात का परिचायक है कि जनहित के मुददे पार्टियों के वैचारिक मतभेद से अलग है। ज्ञापन में लिखा गया कि सीसीटीवी कैमरे की खरीद के मुददे पर चर्चा को भी पहली बैठक के एजेंडे में शामिल करवाएं। इसमें मांग की गई कि आयुक्त से यह कहा जाए कि इतने सारे सीसीटीवी कैमरों की सिरोही शहर में उपयोगिता, इसके लिए तैयार की गई तकनीकी रिपोर्ट, इसके लिए बजट प्रस्ताव, इसकी निविदा का प्रकाशन जिन अखबारों में किया गया उसकी प्रतिलिपियों की जानकारी समेत हरेक पहलू पर चर्चा की जाए। ज्ञापन में अनुरोध किया कि बैठक से पहले इस मुददे पर सभी पार्षदों की औपचारिक बैठक और मीडिया से चर्चा भी आयोजित की जाए, जिससे शहर में यह स्थिति स्पष्ट हो सके कि आखिर सीसीटीवी कैमरे के मुददे की हकीकत क्या है। ज्ञापन सौंपने वालों में उपसभापति धनपतसिंह राठोड, वरिष्ठ भाजपा पार्षद मगन मीणा, विरेन्द्र एम चैहान, कांग्रेस के पार्षद जितेन्द्र सिंघी, ईश्वरसिंह डाबी समेत नैनाराम माली, गोपीलाल, मारूफ हुसैन आदि शामिल थे, वही अमिया देवी के हस्तक्षर थे.
सभापति का कहना है
पार्षदों ने उन्हें ज्ञापन दिया है। इसमें सीसीटीवी कैमरे के मुददे को बोर्ड की पहली बैठक में चर्चा के लिए शामिल किए जाने की मांग की है।
ताराराम माली
सभापति, नगर परिषद, सिरोही।