सबगुरु न्यूज-सिरोही। जिला चिकित्सालय की महिला चिकित्सक का एपीओ रद्द करके फिर से सिरोही जिला चिकित्सालय में बहाल किए जाने के विरोध महिलाओं ने कलक्टरी में प्रदर्शन किया। इनके साथ भाजपा के ग्रामीण मंडल और सिरोही शहर के भी कुछ पदाधिकारी नजर आए।
उल्लेखनीय है कि रविवार को डाक बंगले में भाजपा सिरोही के प्रभारी नरेन्द्र कच्छावा और चित्तोडगढ के सांसद सीपी जोशी की मौजूदगी में हुई भाजपा जिलाध्यक्ष लुम्बाराम चैधरी की अध्यक्षता वाली बैठक में भाजपाइयों ने डाक्टर् की पुनरबहाली को लेकर जमकर आक्रोश जताया था।
भाजपा पदाधिकारियों ने तो दोनों आगंतुकों को यह तक कह दिया था कि यदि डाॅ उषा चैहान को फिर से एपीओ नहीं किया जाता है तो वे लोग कार्यकारिणी से इस्तीफा दे देंगे। इधर, भाजपा जिलाध्यक्ष लुम्बाराम चैधरी बैठक के अंदर जहां भाजपाइयों की मांग का समर्थन करते दिखे वहीं सोमवार को दिए गए धरने में भाजपाइयों की मौजूदगी को उन्होंने समर्थन नहीं दिया।
वैसे यह बात दीगर है कि धरने और प्रदर्शन में शामिल अधिकांश भाजपाई ज्ञापन देने के बाद भाजपा जिला कार्यालय के बाहर दिखे। इनके जिलाध्यक्ष के समक्ष अपना मत या रुख स्पष्ट करने वहां पहुंचने की संभावना जताई जा रही है।
सिरोही के ग्रामीण क्षेत्र की एक महिला की शिकायत पर सिरोही के विधायक और गोपालन मंत्री ओटाराम देवासी में डाॅ को करीब दस दिन पहले एपीओ करवाया था।
तीन दिन पहले ही उषा चैहान का एपीओ आदेश निरस्त हो गया और वह फिर से सिरोही जिला चिकित्सालय में फिर बहाल हो गई। इस एपीओ को निरस्त करवाने में भाजपाई जिले भाजपा के जनप्रतिनिधियों और पदाधिकारियों का हाथ मान रहे हैं। आरोप यह भी लग रहे हैं कि भाजपा के ही नेताओं ने इस एपीओ आॅर्डर को निरस्त करवाने के लिए पैसों का लेनदेन किया।
सोमवार को इस मुद्दे को लेकर सिरोही शहर, जावाल, नून, उड आदि गांवों की महिलाओं ने हाथ में तख्तियां लेकर कलक्टरी परिसर में घूमी। बाद में जिला परिषद कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गई। वहां से उठने के बाद रैली के रूप में तख्तियां हाथ में लेकर एडीएम कार्यालय में पहुंची और जिला कलक्टर के नाम उन्हें ज्ञापन दिया। इसमें डाॅ उषा चैहान को सिरोही जिला चिकित्सालय से नहीं हटाने पर आंदोलन को तेज करने और रास्ता जाम करने की चेतावनी भी दी गई।
-डाॅ के मामले में भाजपा का हुआ एक्स-रे
उषा चैहान के एपीओ के प्रकरण में सिरोही में भाजपा का एक्स-रे हो गया। इस मामले में जहां गोपालन मंत्री ओटाराम देवासी कह रहे हैं कि एपीओ उन्होंने ही करवाया, लेकिन इसके निरस्त होने की जानकारी उन्हें नहीं है। मंत्री का यह बयान सिरोही विधायक और गोपालन राज्यमंत्री के सरकार में रुतबे को दिखा रहा है कि उनकी सरकार में कितनी चलती है और जयपुर में सिरोही जिले के लिए होने वाले निर्णयों के बारे में उन्हें कितना बताया जाता है।
इस मामले में सोशल मीडिया में जिला प्रमुख पायल परसरामपुरिया पर भी इस एपीओ को निरस्त करवाने का आरोप पर जिला प्रमुख की चुप्पी भी पूरे दिन चर्चा का बाजार गर्म कर्ता रहा। हां, सोशल मीडिया पर उनके पीआरओ उनकी ओर से सिरोही जिले में शराब की दुकानें बंद करवाने के प्रस्ताव भिजवाने समाचारों का प्रचार-प्रसार सोमवार को भी करते दिखे। वहीं इस प्रकरण में भाजपा जिलाध्यक्ष लुम्बाराम चैधरी के खुलकर सामने आने के पीछे की मंशा पर भी भाजपा मे चर्चा होती रही।
वहीं सिरोही के सांसद महोदय इन हंगामों के बाद रविवार को अलग ही मूड में दिखे। भाजपा में अंदरखाने यह भी सुगबुगाहट है कि यहां पर सिरोही डाक बंगले में हो रही जिला स्तरीय बैठक में चिकित्सक के मुद्दे पर हंगामा मच रहा था और सांसद देवजी पटेल सुंधा माता मंदिर में सिरोही को भगवान भरोसे छोडकर दर्शन कर रहे थे। वही रविवार कि बैठक के बाद जारी प्रेसनोट मे बैठक मे चिकित्सक का एपीओ नितरस्त करने पर निन्दा प्रस्ताव लेने का बिन्दु नही दिये जाने को भी भाजपाई शक के दाय्ररे मे लेते दिखे।
-एक नारे ने सबको किया आकर्षित
महिलाओं के हाथों में करीब एक दर्जन के तख्तियां थी। इन पर नारे लिखे हुए थे। इनमें से एक नारे ने सबको आकर्षित किया और चर्चा का विषय बन गया। इसमें लिखा था, ‘पेट चीरकर पेट भरते हैं, ये कैसा इलाज करते हैं ।’ उल्लेखनीय है कि एक आरटीआई में यह सामने आया कि सिरोही जिला चिकित्सालय में इस वर्ष नाॅर्मल से ज्यादा सीजेरियन डिलीवरी हुई हैं। यह स्लोगन इसी को ध्यान में रखकर बनाया बताया जा रहा है।
देखे महिलाओ के आन्दोलन का विडियो….