भुवनेश्वर। अग्नि-5 प्रक्षेपास्त्र का सोमवार को ओडिशा के तट पर स्थित अब्दुल कलाम द्वीप से सफलता पूर्वक परीक्षण किया गया।
भारत इसके साथ ही पांच हजार किमी तक मार करने की क्षमता रखने वाला और प्रक्षेपास्त्र बनाने वाले देशों की सूची में शामिल हो गया है ।
डीआरडीओ से जूडे सूत्रों ने बताया कि सोमवार को अबदुल कलाम द्वीप से दोपहर 11.20 बजे अग्नि-5 प्रक्षेपास्त्र का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया। डीआरडीओ के चार नंबर लंच पैड से इसका परीक्षण किया गया।
जमीन से जमीन तक और लंबी दूरी कर मार करने वाली यह प्रक्षेपास्त्र है। डीआरडीओ सूत्रों ने बताया कि परीक्षण के दौरान यह प्रक्षेपास्त्र अपनी ट्रैजेक्टरी पर सही तरीके से गया तथा मिशन के अन्य उद्देश्यों को भी पूरा किया।
डीआरडीओ सूत्रों ने इसे बहुत बडी सफलता बताया है। मिजाइल टेक्नॉलॉजी कंट्रोल रिजिम में सदस्य के रुप में शामिल होने के बाद भारत का अग्नि-पांच का यह पहला परीक्षण है। इस प्रक्षेपास्त्र के कुछ और परीक्षण के बाद इसे सेना में शामिल किया जाएगा।
एक हजार किलो के हथियार लेने की क्षमता रखने वाला अग्नि-5 पांच हजार किमी तक मार कर सकता है। यह प्रक्षेपास्त्र शत्रु को जोरदार हानी पहुंचाने की क्षमता रखता है। यह प्रक्षेपास्त्र 50 टन का है।
इंटिग्रेटेड गाइट मिजाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत तैयार अग्नि सीरिज के प्रक्षेपास्त्रों में अग्नि-1 (700 किमी रेंज), अग्नि-2 (2000 किमी रेंज), अग्नि -3 ( 2500 किमी रेंज) व अग्नि-4 ( 3500 किमी रेंज) शामिल है।
प्रधानमंत्री ने डी.आर.डी.ओ को दी बधाई
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने परमाणु क्षमता से युक्त अन्तर महाद्धपीय वैलिस्टक मिसाइल अग्नि- 5 के आज सफल परीक्षण पर रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (डी.आर.डी.ओ) और उसके वैज्ञानिकों को बधाई दी है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अग्नि- 5 के सफल परीक्षण ने हर भारतीय को बहुत गौरवान्वित किया है। यह हमारी रणनीतिक सुरक्षा की ताकत को जबरदस्त ढंग से बढ़ाएगी। मोदी ने कहा कि इसका सफल परीक्षण डी.आर.डी.ओ. और उसके वैज्ञानिकों के अथक परिश्रम का परिणाम है। मै उन्हें बधाई देता हूं।