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मुख्यमंत्री के महासूझबूझ के सिद्धांत को अगप ने दिया झटका - Sabguru News
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मुख्यमंत्री के महासूझबूझ के सिद्धांत को अगप ने दिया झटका

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मुख्यमंत्री के महासूझबूझ के सिद्धांत को अगप ने दिया झटका
AGP chief principle of the shock Mahasujbuj
AGP chief principle of the shock Mahasujbuj
AGP chief principle of the shock Mahasujbuj

गुवाहाटी। बिहार चुनाव में मिले नतीजों से सबसे अधिक असम प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस के मुखिया मुख्यमंत्री तरुण गोगोई उत्साहित हैं। उन्हें लग रहा है कि राज्य में बढ़ रही भाजपा की ताकत को रोकने का उन्हें फार्मूला मिल गया है।

उन्होंने तुरंत कहा कि असम में महागठबंधन के बदले महाबुझाबुझी के तर्ज पर चुनाव लड़ा जाएगा। जिसमें सभी भाजपा विरोधी दलों को जोड़ने का प्रयास किया जाएगा। चुनाव के नतीजे आने के बाद अब तक उन्होंने भाजपा पर करारा हमला करते हुए दो संवाददाता सम्मेलन कर चुके हैं। जबकि ट्वीट के जरिए लगातार हमले कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री के इस सपने को सबसे पहले असम गण परिषद (अगप) के संस्थापक अध्यक्ष व दो बार के मुख्यमंत्री रहे प्रफुल्ल कुमार महंत ने जोर का झटका दिया है। उन्होंने मीडिया को जारी एक बयान में कहा है कि कांग्रेस के साथ मित्रता करना असंभव है। यह कभी भी नहीं हो सकता है। उन्होंने मुख्यमंत्री के इस प्रस्ताव को सिरे से नकार दिया।

उन्होंने कहा कि नगांव जिला के सामागुड़ी विधानसभा क्षेत्र के समर्थकों द्वारा लगातार दबाव बनाया जा रहा है कि पार्टी यहां से एक मजबूत उम्मीदवार को खड़ा करे। ज्ञात हो कि यह सीट कांग्रेस के कद्दावर नेता व वर्तमान में मंत्री रकिबुल हुसैन का है। एक तरह से प्रफुल्ल कुमार महंत ने मुख्यमंत्री गोगोई के अरमानों पर पानी फेरते हुए उनको जवाब दे दिया है।

मुख्यमंत्री गोगोई को लग रहा है कि लगातार तीन बार से सत्ता पर बैठे रहने के चलते पार्टी की खराब छवि को ढंकने के लिए बिहार चुनाव ने उन्हें एक बेहतरीन फार्मूला दे दिया है। वहीं कांग्रेस हाई कमान ने भी बिहार फार्मूले को हरी झंडी दे दी है। मुख्यमंत्री ने बीते कल सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि 2016 के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन के बदले महासूझबूझ की अवधारणा पर चुनाव लड़ा जाएगा। ताकि भाजपा की बढ़ती ताकत को रोका जा सके।

उल्लेखनीय है कि असम में अगप और एआईयूडीएफ की पूरी राजनीति कांग्रेस की नीतियों के विरूद्ध ही चलती है। दोनों पार्टियों का जन्म कांग्रेस के विकल्प के रूप में हुआ है। ऐसे में इन पार्टियों का कांग्रेस के साथ महागठबंधन करना संभव नहीं है, इसको समझते हुए मुख्यमंत्री गोगोई ने महागठबंधन के बदले महाबुझाबुझी का फार्मूला सुझाया है। लेकिन यह फार्मूला कितना कारगर होगा और इसे राज्य की कितनी पार्टियां स्वीकार करती हैं यह आने वाले दिनों में देखने को मिलेगा। हालांकि कांग्रेस को प्रफुल्ल कुमार महंत ने सबसे पहले झटका दिया है।