कांग्रेस पार्टी द्वारा नरेन्द्र मोदी की केन्द्र सरकार से कहा गया है कि वह काला धन रखने वालों के खिलाफ और अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदे से जुड़े घोटाले में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें, कांग्रेस पार्टी इस मामले में सरकार को पूरा सहयोग प्रदान करेगी।
कांग्रेस के इस स्पष्ट नजरिये से अब गेंद पूरी तरह केन्द्र सरकार के पाले में चली गई है तथा इस बात की आवश्यकता भी बढ़ गई है कि सरकार काला धन एवं अगस्ता वेस्टलैंड जैसे मुद्दों पर सिर्फ बयानबाजी करने के बजाय वास्तविकता के धरातल पर कुछ ठोस कदम उठाने का नैतिक साहस दिखाए।
देश में कालेधन को लेकर पिछले कुछ वर्षों से व्यापक जनभावनाएं बलवती होती रही हैं तथा आये दिन इस मुद्दे का लेकर होने वाले आंदोलनों में जोर-शोर से यह मांग उठती रही है कि सरकार को बिना किसी प्रभाव या पक्षपात के कालेधन के धन कुबेरों का नाम उजागर करना चाहिए तथा विदेश या देश में जमा उनके इस कालेधन की जब्ती आदि की दिशा में भी प्रभावी कदम उठाए जाने चाहिये। क्यों कि देश में व्याप्त आर्थिक विपन्नता एवं असमानता के लिये काला धन भी प्रमुखता के साथ जिम्मेदार है।
भारतीय जनता पार्टी ने गत लोकसभा चुनाव में कालेधन का मुद्दा जोर-शोर से उठाया गया था तथा नरेन्द्र मोदी सहित अन्य भाजपा नेताओं ने इस मुद्दे को राजनीतिक लाभ का आधार बनाते हुए कहा था कि हम सत्ता में आते ही कालेधन के मुद्दे पर युद्ध स्तर पर कदम उठाएंगे। लेकिन केन्द्र की मौजूदा सरकार जब से सत्ता में आई है तब से इस मुद्दे पर महज बयानबाजी के सिवाय धरातल पर कोई कदम नहीं उठाया गया है।
केन्द्र की भाजपा सरकार को चाहिए कि वह कालेधन के मुददे पर किं कर्तव्य विमूढ़: की स्थिति से बाहर निकले तथा इस मामले में समस्त कानूनी प्रावधानों का व्यापक सदुपयोग सुनिश्चित करते हुए प्रभावी कार्रवाई करे। इसी प्रकार अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदे को लेकर पिछले दिनों देश में काफी घमासान मचा था।
ब्रिटेन की एक अदालत द्वारा इस मुद्दे पर कुछ टीका टिप्पणी किए जाने तथा कुछ दस्तावेज जारी होने क बाद भारतीय राजनीति में तो मानो भूचाल सा आ गया। समाचार माध्यमों में जैसे-जैसे इस मुद्दे से जुड़ी खबरें आती गईं, देश का राजनीतिक माहौल भी गर्माता गया। केन्द्र में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी ने तब सीधे तौर पर देश की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस पर अतिरंजित ढंग से हमला बोलने का सिलसिला शुरू कर दिया था।
संसद के भीतर व बाहर भारतीय जनता पार्टी द्वारा ऐसा माहौल निर्मित किए जाने की कोशिश होती रही मानों कांग्रेस पार्टी व कांग्रेस नेता ही अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर के कथित घोटाले के दोषी हों। जबकि ब्रिटेन की अदालत द्वारा अपने बयान या दस्तावेजों में कहीं भी कांग्रेस पार्टी या कांग्रेस नेताओं के नाम का उल्लेख नहीं किया है।
वहीं कांग्रेस पार्टी द्वारा इस मुद्दे पर शुरुआत से ही स्पष्टतापूर्ण रवैया अपनाया गया है तथा पार्टी की ओर से इस मुद्दे पर पुन: अपनी प्रतिबद्धता जताने के बाद केन्द्र की भाजपा सरकार की यह जिम्मेदारी बढ़ गई है कि वह इस मुद्दे की प्रभावी जांच-पड़ताल करवाए तथा नतीजा ढाक के तीन पात की तर्ज पर कुछ भी सामने नहीं आए ऐसा नहीं होना चाहिए।
बल्कि इस मामले में दोषी लोगों का नाम सामने लाकर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई का साहस भी दिखाया जाना चाहिये। भ्रष्टाचार मुक्त एवं शुचितापूर्ण राजनीतिक कार्य स्ंस्कृति ही भारतीय राजनेताओं की प्रासंगिकता व भारतीय लोकतंत्र की श्रेष्ठता का एक मात्र पैमाना है तथा इस पैमाने के विपरीत अगर कतिपय नेताओं या नौकरशाहों ने अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदे के मामले में कोई अनापेक्षित भूमिका निभाई है तो उनके खिलाफ कार्रवाई तो होनी ही चाहिए।
कांग्रेस नेता एवं राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि काला धन कब वापस आएगा? आजाद ने यह भी कहा कि नरेन्द्र मोदी जब विपक्ष में थे तो कहते थे कि सरकार काला धन रखने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही क्योंकि एक शीर्ष नेता का धन विदेश में जमा किया गया है।
हमारे बारे में कहा जाता था कि हमारी सरकार काले धन के मुद्दे पर आगे नहीं बढ़ रही। क्योंकि कुछ नाम छिपाये जा रहे हैं, क्योंकि बड़े नेता का धन जमा है। आजाद ने कहा कि अब हम ही कह रहे हैं कि उन नामों को बाहर लाइए, उन्हें प्रकाशित करिए, फांसी पर लटका दीजिए, दंडित कीजिए, उन्हें जेल में डालिए। अब किस बात की देरी? कौन है वो व्यक्ति? देश को पता तो चले।’ वास्तव में कांग्रेस पार्टी का यह रवैया स्वागतयोग्य है तथा केन्द्र की भाजपा सरकार को भी अब इस मुद्दे पर क्रांतिकारी कदम उठाने का साहस दिखाना चाहिए।
सुधांशु द्विवेदी