नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उजबेकिस्तान के ताशकंद में गुरुवार को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात कर सकते हैं। यह मुलाकात परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में भारत के प्रवेश को लेकर चीन की आपत्तियों के मद्देनजर महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सालाना शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए गुरूवार को ताशकंद रवाना होंगे, जहां पूर्ण सदस्य के तौर पर पाकिस्तान के साथ भारत के इसमें शामिल होने की प्रक्रिया शुरू होगी।
शिखर सम्मेलन से इतर आज प्रधानमंत्री की चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ द्विपक्षीय बैठक होगी, जिसमें भारत की एनएसजी सदस्यता के लिए चीन का उनके द्वारा समर्थन मांगे जाने की उम्मीद है, जिसका बीजिंग विरोध कर रहा है।
सोल में आज परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) का सालाना पूर्ण अधिवेशन होगा जिसमें विशिष्ट परमाणु कारोबार क्लब की सदस्यता के लिए भारत के आवेदन पर चर्चा हो सकती है।
पीएम मोदी ने यात्रा से पहले ट्वीट किया, ‘मैं एससीओ सम्मेलन में भाग लेने और एससीओ राष्ट्रों के नेताओं से वार्ता करने के लिए संक्षिप्त यात्रा पर उज्बेकिस्तान जाउंगा।’ उन्होंने कहा कि भारत एससीओ का सदस्य बनकर खुश होगा और एससीओ के जरिए विशेष आर्थिक सहयोग के क्षेत्र में सार्थक परिणामों की उम्मीद कर रहा है।
एससीओ शिखर सम्मेलन के साथ पूर्ण सदस्य के तौर पर पाकिस्तान के साथ भारत के इसमें शामिल होने की प्रक्रिया शुरू होगी। मोदी ने कहा कि भारत मध्य एशिया के साथ संबंधों को बहुत महत्व देता है और क्षेत्र के साथ आर्थिक एवं लोगों के आपसी संबंध मजबूत करना चाहता है।