शिमला। विधानसभा के घोषणा होते ही प्रदेश में दलबदल का दौर शुरू हो गया है। इस कड़ी में पहला झटका कांग्रेस को लगा है। मण्डी सदर से कांग्रेस विधायक व कैबिनेट मंत्री अनिल शर्मा ने कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया है।
अनिल शर्मा पूर्व केन्द्रीय मंत्री पण्डित सुख राम के बेटे हैं। इससे पहले भी वे भाजपा के साथ 1998 में गठबंधन सरकार में रह चुके हैं।अनिल शर्मा ने बताया कि उन्हें कांग्रेस में हासिए पर थकेला जा रहा है।
मण्डी में सात अक्तूबर को हुए राहुल गांधी की रैली में पण्डित सुख राम भी नहीं आने दिया। जबकि विधानसभा चुनावों के लिए बनी कमेटियों में भी उन्हें जगह नहीं दी गई। जबकि उनसे जूनियर कई नेता कमेटियों में डाले गए हैं।
अनिल शर्मा ने कहा कि उन्हें कांग्रेस में वेइजइत किया जा रहा था। इसलिए उन्होने परेशान होकर कांग्रेस पार्टी को छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया है। उन्होने यह भी कहा कि भाजपा ने उन्हें मण्डी सदर से टिकट भी दिया है। अनिल शर्मा पूरे परिवार सहित भाजपा में शामिल हुए हैं।
इससे पहले भी अनिल शर्मा के भाजपा में शामिल होने की बात उठी थी पर उन्होंने इसे महज अफवाह करार दिया था। वहीं भाजपा पिछले काफी समय से कांग्रेस के कद्दावर नेताओं को अपने साथ लाने की कोशिश कर रही है।
अब भाजपा सुखराम को अपने साथ मिलाकार चुनाव से पहले कांग्रेस पर जोरदार हमला किया हैं। हिमाचल की 13वीं विधानसभा के चुनाव 9 नवम्बर को होने जा रहे हैं। जबकि मतगणना 18 दिसबंर को होगी। वर्तमान में कांग्रेस 35, भाजपा के 28 और चार निर्दलीय विधायक हैं।हि