मथुरा। कान्हा की नगरी वृन्दावन में अभेद सुरक्षा बंदोबस्त के बीच राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी चन्द्रोदय मंदिर के गर्भगृह में शेषनाग की पूजा अर्चना करेंगे।
जिलाधिकारी राजेश कु मार और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मंजिल सैनी पिछले एक सप्ताह में कई बार अक्षय पात्र का दौरा कर राष्ट्रपति के सुरक्षा इंतजामों का जायजा ले चुके हैं। कुमार ने बताया कि राष्ट्रपति पहले चन्द्रोदय मंदिर में शेषनाग की पूजा में हिस्सा लेंगे और उसके बाद बांके बिहारी मंदिर में पूजा अर्चना करेंगे।
अधिकारियों के सामने सबसे बड़ी समस्या राष्ट्र्रपति और अन्य वीआईपी के चश्मे की बंदरों से सुरक्षा को लेकर है। वृन्दावन के बंदरों के लिए चश्मा पहने हुए व्यक्ति आर्कषण का केन्द्र होते हैं। शरारती बंदर व्यक्ति का चश्मा पलक झपकते ही उतार ले जाते हैं और फिर उन्हें कु छ खाने के लिए देने पर वे बड़ी मुश्किल से उसे छोड़ते हैं।
वानर सेना से निपटने के लिए प्रशासन ने पहले आठ लंगूर लगाने की व्यवस्था की गई थी और उसका अभ्यास भी शुरू हो गया था मगर वन्य जीवों के साथ की गई क्रूरता अपराध के कारण इसे अब नहीं किया जाएगा।
नोडल अधिकारी अपर जिलाधिकारी धीरेन्द्र सचान ने बताया कि लंगूरों को लगाने की व्यवस्था अब नहीं की जाएगी तथा वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में जाल लगाने, बैटरी से चलने वाली गोल्स कार्ट चलाने आदि पर विचार किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति की अगवानी राज्यपाल रामनाईक करेंगे वहीं उत्तर प्रदेश के कारागार मंत्री वीरेन्द्र सिंह यादव मिनिस्टर इन वेटिंग रहेंगे। सचान ने बताया कि राष्ट्र्रपति की सुरक्षा को देखते हुए 16 नवम्बर को सुबह साढ़े दस बजे के बाद बांके बिहारी मंदिर में किसी दर्शनार्थी को प्रवेश नहीं मिलेगा।