नई दिल्ली। संसद का शीतकालीन सत्र गुरूवार से शुरू होने जा रहा है। केंद्र सरकार को उम्मीद है कि वह वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) विधेयक सहित अन्य महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराने में सफल रहेगी। सरकार ने यह भी स्पष्ट पर दिया है कि विपक्ष द्वारा उठाए जा रहे सभी मुद्दों पर बातचीत करने को तैयार है।
गुरूवार से शुरू हो रहे सत्र में विपक्ष एक बार फिर केंद्र सरकार को घेरने की योजना बना रहा है। विपक्षी पार्टियां एकजुट होकर इस बार असहिष्णुता के मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने की तैयारी कर रही है।
जबकी सरकार वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) विधेयक को संसद में पारित कराने के लिए काफी उत्सुक है। इसको लेकर सरकार के बीच बैठकों का दौर शुरू हो चुका है।
इससे पहले मंगलवार को केंद्र सरकार के कई वरिष्ठ मंत्रियों ने संसद में सरकार और विपक्षी पार्टियों के बीच तालमेल बैठाने और रणनीति तैयार करने के लिए एक बैठक बुलाई थी।
बैठक में अध्यादेशों का प्रतिस्थापन कर सरकार ने दोनों सदनों में चर्चा के लिए लाए जाने वाले जीएसटी विधेयक, रियल एस्टेट नियमन विधेयक पर बातचीत की। इसके अलावा दादरी हत्याकांड और लेखक एमएम कलबुर्गी की हत्या तथा हाल ही में हुई ऐसी ही अन्य घटनाओं पर भी चर्चा की गई। जिसको लेकर वर्तमान में कथित असहिष्णुता का अभियान चलाया जा रहा है।
अपने पक्ष में केंद्र सरकार इन घटनाओं को राज्य सरकार से जुड़े मुद्दे बताते हुए अपना पल्ला झाड़ने की रणनीति बना रही है। साथ ही सरकार यह तर्क भी दे सकती है कि इन मुद्दों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जवाब दे चुके हैं ।
वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस, जदयू और माकपा पार्टियों ने स्पष्ट कर दिया है कि वह असहिष्णुता और जीएसटी विधेयक में महत्वपूर्ण सुधार करने के लिए बहस के लिए सरकार को नोटिस देगी।