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AIADMK crisis : Supreme Court refuses urgent hearing of plea to stop sasikala's swearing in as CM
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शशिकला को शपथ लेने से रोकने पर तत्काल सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट ने किया इनकार

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शशिकला को शपथ लेने से रोकने पर तत्काल सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट ने किया इनकार
AIADMK crisis : Supreme Court refuses urgent hearing of plea to stop sasikala's swearing in as CM
AIADMK crisis : Supreme Court refuses urgent hearing of plea to stop sasikala's swearing in as CM
AIADMK crisis : Supreme Court refuses urgent hearing of plea to stop sasikala’s swearing in as CM

नई दिल्ली। शशिकला को तमिलनाडु की मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाने से रोकने की मांग करने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को जल्द सुनवाई से इनकार कर दिया है।

एनजीओ सत्ता पंचायत लियाकम के महासचिव सेंथिल कुमार ने याचिका दायर कर कहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता और शशिकला के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में सुप्रीम कोर्ट जल्द ही फैसला सुनानेवाला है ऐसे में शशिकला को शपथ लेने से रोका जाए।

सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर 17 फरवरी को सुनवाई करेगा। कोर्ट ने इसी मसले पर दिल्ली हिंदु महासभा द्वारा दायर याचिका पर भी जल्द सुनवाई से इनकार कर दिया।

एनजीओ सत्ता पंचायत लियाकत की तरफ से वकील जीएस मणि ने आज इस मामले को चीफ जस्टिस जेएस खेहर की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष इसे मेंशन किया और कहा कि आय से अधिक संपत्ति के मामले में सुप्रीम कोर्ट तुरंत फैसला सुनाने वाला है इसलिए उस फैसले के आने तक शशिकला को मुख्यमंत्री पद का शपथ दिलाने से रोका जाए।

उनके मेंशन करने के बाद चीफ जस्टिस ने बेंच के बाकी जजों जस्टिस एनवी रमन्ना और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ से कुछ देर विचार-विमर्श किया और इस मामले पर जल्द सुनवाई से इनकार कर दिया।

याचिका में कहा गया है कि अगर सुप्रीम कोर्ट इस मामले में शशिकला को दोषी ठहराती है तो तमिलनाडु एक गंभीर संकट में फंस जाएगा। दोषी होने की स्थिति में अगर शशिकला से जबरन इस्तीफा लिया जाता है तो तमिलनाडु में दंगे जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है।

एआईडीएमके के कार्यकर्ता तमिलनाडु में अशांति फैला सकते हैं। आपको बता दें कि 6 फरवरी को वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे ने सुप्रीम कोर्ट में जयललिता और शशिकला के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले को मेंशन करते हुए कोर्ट से इस मामले में जल्द फैसला करने का आग्रह किया था जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एक सप्ताह इंतजार कर लीजिए।

मद्रास हाईकोर्ट ने जयललिता और शशिकला समेत सभी को बरी कर दिया था, जबकि बेंगलुरु की स्पेशल कोर्ट ने 4 साल की सजा और 100 करोड़ का जुर्माना लगाया था। कर्नाटक सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। कोर्ट ने सुनवाई के बाद अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।