नई दिल्ली/चेन्नई। केंद्रीय चुनाव आयोग ने तमिलनाडु की सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक के चुनाव चिह्न ‘दो पत्ती’ को जब्त करने के बाद पार्टी के दोनों धड़ों को नया निशान आवंटित कर दिया है।
शशिकला खेमें की अन्नाद्रमुक (अम्मा) को ‘टोपी’ और पूर्व मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम को ‘बिजली का खंभा’ चुनाव चिह्न दिया गया है। शशिकला गुट के वरिष्ठ नेता और लोकसभा उपाध्यक्ष एम. थंबी दुरई ने कहा कि यह नया चुनाव चिह्न ‘टोपी’अस्थाई है। हमारा पुराना चुनाव चिह्न ‘दो पत्ती’ जल्द ही हमें वापस मिल जाएगा।
तमिलनाडु की आरके नगर विधानसभा सीट पर 12 अप्रैल को होने वाले उपचुनाव से पहले चुनाव आयोग ने अन्नाद्रमुक के दोनों गुटों में चुनाव निशान को लेकर चल रहे विवाद पर फैसला सुनाया है। चुनाव आयोग ने दोनों गुटों की पार्टियों के अलग-अलग नाम की भी मंजूरी दे दी है।
शशिकला धड़े की पार्टी को ‘अन्नाद्रमुक-अम्मा’ (ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम-अम्मा) नाम मिला है तो ओ. पन्नीरसेल्वम गुट की पार्टी का नाम ‘अन्नाद्रमुक पुराट्ची थलैवी अम्मा'(एआईएडीएमके पुराट्ची थलैवी अम्मा) नाम होगा। दोनों ही गुट अन्नाद्रमुक पार्टी और उसके चुनाव चिह्न ‘दो पत्ती’ पर दावा जता रहे थे।
बुधवार की देर रात चुनाव आयोग ने अन्नाद्रमुक के चुनाव चिह्न ‘दो पत्ती’ को जब्त करने का फैसला सुनाया था। शशिकला गुट ने चुनाव आयोग से अपनी पार्टी के लिए ‘एआईएडीएमके अम्मा’ नाम की मंजूरी मांगी थी। गुट ने चुनाव चिह्न के लिए चुनाव आयोग के लिए 3 विकल्प रखे थे- ऑटो रिक्शा, बैट और टोपी।
गुरुवार को आयोग ने शशिकला गुट के लिए ऑटो रिक्शा चुनाव चिह्न देने का फैसला किया लेकिन शशिकला गुट टोपी चुनाव चिह्न चाह रहा था। बाद में आयोग ने शशिकला गुट को टोपी चुनाव चिह्न आवंटित कर दिया। उधर, शशिकला और पन्नीरसेल्वम धड़े ने बहुत सोच समझकर चुनाव चिह्न की मांग की।
पन्नीरसेल्वम गुट ने देखा कि ‘बिजली का खंभा’ निशान काफी हद तक ‘दो पत्ती’ से मिलता जुलता है, इसलिए उन्होंने इस पर सहमति दे दी। वहीं, शशिकला गुट को लगा कि, ‘टोपी’ निशान जनता को समझने में आसान होगा। लिहाजा उन्होंने आटोरिक्शा, बैट की बजाय ‘टोपी’ को चुना।