कोलकाता। अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ (एआईएफएफ) अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल द्वारा आई-लीग और इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) की शीर्ष चार-चार टीमों को शामिल कर नए टूर्नामेंट के प्रस्ताव पर काले बादल मंडरा रहे हैं।
एक अधीकारी ने बुधवार को कहा कि तीन लीगों को एक साथ आयोजित कराना बेहद मुश्किल है क्योंकि साथ ही राष्ट्रीय टीम के मैच भी होने हैं।
भारतीय फुटबाल टीम अगले साल एक से 12 मई तक होने वाले सैफ खेलों में भी हिस्सा लेगी। इससे पहले राष्ट्रीय टीम के कोच स्टीफान कांस्टेनटाइन अभ्यास शिविर लगाने पर विचार कर रहे हैं।
वहीं पिछले सप्ताह मुंबई में हुई बैठक के मुताबिक भारत का फुटबाल घरेलू सत्र नवंबर के तीसरे सप्ताह से शुरू होगा जो अगले साल अप्रैल तक चलेगा।
पटेल के प्रस्ताव के मुताबिक दोनों लीगों की शीर्ष चार-चार टीमें नए टूर्नामेंट में खेलेंगी जहां से दो शीर्ष टीमें एएफसी चैम्पियंस लीग प्लेऑफ और एएफसी कप में हिस्सा लेंगी।
लेकिन इसके लिए कम से कम इन आठ टीमों के 14 मैच होने जरूरी हैं। वहीं आईएसएल की आयोजक संस्था फुटबाल स्पोर्ट्स डेवलपमेंट लिमिटेड (एफएसडीएल) भी एआईएफएफ के इस नए टूर्नामेंट के प्रस्ताव के साथ नहीं है।
एफएसडीएल का कहना है कि अगर यह प्रस्तावित टूर्नामेंट होता है तो आई-लीग के क्लब को एशिया में भारत के प्रतिनिधित्व करने का मौका बिना फ्रेंचाइजी फीस देकर मिल जाएगा जो आईएसएल क्लब देते हैं। इसलिए पटेल का यह प्रस्ताव खारिज हो सकता है।
पटेल ने कोलकाता के दो दिग्गज क्लब मोहन बागान और ईस्ट बंगाल के साथ पिछले सप्ताह नई दिल्ली में हुई बैठक में कहा था कि आई-लीग को टीवी पर प्रसारण में उतना ही महत्व मिलेगा जितना आईएसएल को मिलता है।
वहीं, इसी बीच मोहन बागान और ईस्ट बंगाल ने आईएसएल का हिस्सा बनने से इनकार कर दिया है। यह दोनों क्लब आईएसएल की फ्रेंचाइजी फीस में 15 करोड़ रुपये देने को तैयार नहीं हैं। दोनों क्लब काफी समय से इस रकम में कटौती की मांग कर रहे थे।
साथ ही यह दोनों क्लब कोलकाता को ही अपना घरेलू मैदान बनाए रखने की मांग कर रहे थे जबकि आईएसएल में एटलेटिको दे कोलकाता के पास पहले ही यह अधिकार है।