नई दिल्ली। पाकिस्तान से आई गीता की डीएनए जांच की रिपोर्ट विदेश मंत्रालय को सौंप दी गई है जिससे से उसके माता-पिता का पता चलेगा। करीब डेढ़ दशक पहले अपने परिवार से जुदा होकर पाकिस्तान चली गई 23 वर्षीय मूक-बधिर लड़की हाल में भारत लौटी है।
मंत्रालय ने एम्स से कहा था कि वह डीएनए जांच करे ताकि पता लगाया जा सके कि जनार्दन महतो वास्तव में उसके पिता हैं कि नहीं जिन्होंने दावा किया था कि गीता ही उनकी बेटी हीरा है।
एम्स के एक वरिष्ठ चिकित्सक ने कहा कि एम्स की फोरेंसिक लैब में डीएनए जांच हुई जिसकी रिपोर्ट गुरुवार शाम विदेश मंत्रालय को सौंप दी गई। एम्स के अधिकारियों ने बहरहाल रिपोर्ट का ब्यौरा देने से इंकार कर दिया। संपर्क करने पर एमईए के प्रवक्ता ने कहा कि उन्हें नहीं मालूम कि रिपोर्ट में क्या है।
पाकिस्तान से 15 वर्षों बाद लौटी गीता ने बिहार के महतो दंपती को पहचानने से इंकार कर दिया जिन्हें उसने कराची में रहते हुए फोटोग्राफ के माध्यम से अपने परिवार के रूप में पहचाना था। फिलहाल वह इंदौर में मूक-बधिरों की एक संस्था में रह रही है।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा था कि गीता ने महतो दंपती को अपने परिवार के रूप में पहचानने से इंकार कर दिया।
उन्होंने कहा था कि अगर महतो दंपती के डीएनए के नमूने का मिलान नहीं होता है तो सरकार उसके अभिभावकों की पहचान के लिए फिर से प्रयास शुरू करेगी।
गीता अब 23 वर्ष की है और जब वह सात-आठ वर्ष की थी तो 15 वर्ष पहले पाकिस्तान रेंजर्स ने उसे लाहौर रेलवे स्टेशन पर समझौता एक्सप्रेस में अकेले बैठे पाया था।
उसे बिलकिस इधी की इधी फाउंडेशन ने गोद लिया और वह उनके साथ कराची में रह रही थी। बिलकिस और उनके पोते-पोती सबा और साद ईधी गीता के साथ यहां आए। सलमान खान अभिनीत ‘बजरंगी भाईजानÓ फिल्म के रिलीज होने के बाद उसकी कहानी प्रकाश में आई थी।