नई दिल्ली। नेशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल (NGT)ने कहा है कि एयरलाइंस आसमान में टॉयलट का मल-मूत्र गिराने वाले एयरलाइंस पर सख्त कार्रवाही करेगा। हवा में ‘पोट्टी’ गिराने वाले एयरलाइंस पर 50 हजरी रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। NGT ने नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA)को निर्देश दिया है कि वह सभी एयरलाइंस को इसके बारे में सूचित कर दे।
हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक एनजीटी के अध्यक्ष स्वतंत्र कुमार की अगुवाई में रिटायर्ड आर्मी ऑफिसर की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया। दायर याचिका में आर्मी ऑफिसर ने कहा था, दक्षिण दिल्ली के वसंत एनक्लेव स्थित उनके मकान की छत पर अक्सर विमानों से मल-मूत्र गिरता रहता है और हवा में टॉइलट टैंक खाली करने से इंदिरा गांधी इंटरनैशल एयरपोर्ट के आसपास के आवासीय इलाकों में गंदगी फैल जाती है।
बेंच ने कहा कि DGCA प्लेन की लैडिंग के बाद उसका औचक निरीक्षण करेगा। सर्कुलर का उल्लंघन करने पर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने की एवज में संबंधित एयरलाइंस पर 50 हजार का जुर्माना लगाया जाएगा।
लेफ्टिनेंट जनरल ने कहा था कि एयरलाइंस पर इसके लिए भारी जुर्माना लगाया जाए, क्योंकि वे लोगों के स्वास्थ्य को तो खतरे में डाल ही रहे हैं, साथ ही ‘स्वच्छ भारत अभयिान’ के नियमों का भी उल्लंघन कर रहे हैं। साथ ही डीजीसीए को एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी करने को कहा गया है ताकि इस तरह की और शिकायतें दर्ज करायी जा सके।
लेफ्टिनेंट जनरल ने कहा कि विमानों से फेंके गए मल की वजह से उनके घर की छत और दीवारें काफी गंदी हो गईं और उन्हें इनकी पेंटिंग पर 50,000 रुपये खर्च करने पड़े। इस पर NGT ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से कहा था कि वह एक इंजीनियर भेजकर आरोपों की जांच करे। सीपीसीबी ने छत से लिए गए सेम्पल की जांच कर कहा कि यह तो साफ है कि यह मानव मल है, लेकिन यह कहां से आया है, इसके बारे में कुछ पुख्ता नहीं कहा जा सकता।
नागर विमानन मंत्रालय ने जनरल की याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि विमानों के टायलट में मल-मूत्र एक विशेष टैंक में रखा जाता है और विमान के लैंड करने के बाद ही इसका निस्तारण किया जाता है। हालांकि मंत्रालय के अधिकारियों ने यह स्वीकार किया कि यह किस लीकेज की वजह से हो सकता है।