अजमेर। अजमेर शहर की शान ऎतिहासिक आनासागर झील के संरक्षण और विकास सहित सौंदर्यीकरण के लिए राज्य सरकार ने ठोस कदम उठाए हैं। अब झील में मलबा डालने, अतिक्रमण करने, पानी को दूषित कर झील को नुकसान पहुंचाने वाली गतिविधियां पूर्णतः प्रतिबंधित रहेंगी। ऎसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।
झील को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने तथा तय मानकों के अनुसार विकास करने के लिए यहां बोटिंग, एडवेंचर वाटर गेम, बर्ड सेंच्यूरी आदि गतिविधियां संचालित की जा सकेंगी।
जिला कलक्टर गौरव गोयल ने बताया कि आनासागर झील के संरक्षण और विकास के लिए राजस्थान झील संरक्षण एवं विकास प्राधिकरण ने विस्तृत दिशा- निर्देश जारी किए हैं। इन निर्देशों की पालना सुनिश्चित कर झील को और अधिक सुन्दर व पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाएगा। इस संबंध में सभी संबंधित विभागों को निर्देशित किया जा रहा है।
गोयल ने जानकारी दी कि अब राजस्व ग्राम थोक तैलियान एवं कोटड़ा में फैली झील एवं इसके संरक्षित क्षेत्र में झील संरक्षण कार्यों को छोड़कर किसी तरह का निर्माण हटाना, खुदाई, अतिक्रमण, झील में मिट्टी की गे्रडिंग या डिग्रेडिंग, यहां खनिज उत्खनन से संबंधित किसी भी तरह की कार्यवाही पर प्रतिबंध रहेगा। यहां मलबा डालना, अन्य किसी तरह की तरल या धातु डालना भी प्रतिबंधित कर दिया गया है।
इसी तरह झील के बहाव क्षेत्र, पानी के आवक के रास्तों, पानी बाहर जाने के मार्ग, स्टोरेज एरिया एवं सुरक्षा के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़़ नहीं की जा सकेगी। झील में प्लांटिंग और हार्वेस्टिंग, जानबूझकर कर वस्तुओं को जलाना, पानी के तापमान में बदलाव के लिए शारीरिक, केमिकल या बॉयोलोजिकल छेड़छाड़ नहीं की जा सकेगी।
प्राधिकरण ने सीवरेज को भी झील में बहाने पर रोक लगा दी है। उन्होंने बताया कि झील को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए भराव क्षेत्र तथा बाहर विविध गतिविधियां संचालित की जाएंगी।
उन्होंने कहा कि झील में प्राधिकरण की अनुमति से पर्यटन के लिए बोटिंग, एडवेंचर वाटर गेम, फिशिंग, बर्ड सेंच्यूरी, बर्ड वाचिंग, हाईकिंग, बोटिंग, झील के किनारे घुडसवारी, स्वीमिंग, केनोइंग एवं साईकलिंग आदि हो सकेंगे।
गोयल ने बताया कि झील के किनारे ईको टयूरिज्म का विकास, मिट्टी की गुणवत्ता की जांच, वेट लेंड, परकोलेशन, वेजीटेशन, फ्लोरा एण्ड फोना से संबंधित कार्यवाही भी की जाएगी। झील के पानी का पेयजल, सिंचाई एवं अन्य कार्यों में उपयोग हो सकेगा।
झील के किनारे सैर के लिए भी चौपाटी का निर्माण करवाया जा रहा है। झील की चारदीवारी चिन्हीकरण के साथ झील की सरुक्षा, मरम्मत एवं सरंक्षण के कार्य करवाए जा सकेंगे।