अजमेर। जिला कलक्टर एवं पुष्कर मेला विकास समिति की अध्यक्ष डॉ. आरूषी मलिक की रूचि और प्रयासों से आने वाला पुष्कर मेला अभूतपूर्व सांस्कृतिक छटाओं से भरपूर होगा।
जिला कलक्टर डॉ. मलिक का प्रयास है कि इस बार मेले में पुष्कर मेला मैदान में ही सांस्कृतिक कार्यक्रम पूरी तरह से केन्द्रित नही हो। पुष्कर मेला क्षेत्रा एवं आस-पास के प्राचीन एवं दर्शनीय स्थल पर भी ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन हो जो तीर्थ यात्रिायों,पर्यटकों, पशुपालकों तथा ग्रामीणों की पसन्द हो।
जिला कलक्टर के निर्देश पर पुष्कर मेले में ‘सांस्कृतिक कार्यक्रम कलैण्डर’ बनाने की कवायद शुरू हुई है। जो आने वाले पुष्कर मेलों के लिए भी कारगार साबित होगी।
सांस्कृतिक कार्यक्रम कलैण्डर के लिए प्रथम बैठक उपखण्ड अधिकारी एवं पुष्कर मेला मजिस्ट्रेट हीरालाल मीना की अध्यक्षता में हुई जिसमें अजमेर विकास प्राधिकरण के उपायुक्त के.के. गोयल, सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के उपनिदेशक यारे मोहन त्रिपाठी तथा फोटो जर्नलिस्ट दीपक शर्मा मौजूद थे।
जिला कलक्टर डॉ. आरूषी मलिक द्वारा सुझाये गए प्रयासों के अनुरूप पुष्कर मेले में गोपाष्टमी 19 नवम्बर से सांस्कृतिक कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे ये कार्यक्रम पुष्कर मेला मैदान, पशुपालकों के बीच रेतीलें धोरों में, पुष्कर सरोवर के पवित्र घाट पर, बूढ़ा पुष्कर सहित अन्य निकटस्थ पौराणिक स्थलों पर, शिल्पग्राम सहित विभिन्न चयनित स्थानों पर आयोजित किए जाने का प्रयास रहेगा।
प्रारम्भिक चयन के आधार पर पशुपालकों के लिए मारवाड़ी ख्याल कार्यक्रम, सांस्कृतिक संध्या, राजस्थानी लोक नृत्य व गीतों के कार्यक्रम, पर्यटकों के साथ-साथ सभी मेलार्थियों के लिए पर्यटन विभाग की आेर से विभिन्न कार्यक्रम, पश्चिमी क्षेत्रा सांस्कृतिक केन्द्र सहित देश के अन्य सांस्कृतिक केन्द्रों के कलाकारों को आंमत्रित कर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन, तीर्थ यात्रियों के लिए सरोवर के घाट पर भजन संध्या, कृष्ण लीला सहित अन्य कार्यक्रम आयोजित होंगे।