अजमेर। ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती का 805 वां उर्स चांद दिखाई देने के साथ बुधवार से औपचारिक रूप से शुरू हो गया। बड़े पीर की दरगाह से पांच तोपें चलाई गई। दरगाह के मुख्यद्वार बुलंद दरवाजे से शादियाने बजाए गए। लोगों ने एक दूसरे के गले मिलकर उर्स मुबारकबाद दी।
रात 11 बजे से उर्स की पहली महफिल हुई। रात 1.25 बजे से ख्वाजा साहब के मजार शरीफ पर पहला गुस्ल हुआ। गुरुवार को उर्स का पहला दिन होगा। इस बीच उर्स के लिए जायरीन की आवक शुरू हो गई है। जन्नती दरवाजे के खुलने के साथ ही लोगों की जियारत का सिलसिला भी तेज हो गया है।
4 अप्रेल को उर्स के दौरान ख्वाजा साहब की छठी व छोटे कुल की रस्म एक साथ होगी। 7 अप्रेल को बड़े कुल के साथ उर्स सम्पन्न होगा। उर्स के आगाज के साथ ही लोगों ने अपनी मन्नतें पूरी होने पर ख्वाजा साहब की मजार शरीफ पर शुक्राना अदा करना शुरू कर दिया है।
देश भर से लोग मखमली चादरे लेकर ख्वाजा साहब के दरबार में पहुंच रहे हैं। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की ओर से भेजी गई चादर भी बुधवार को चढ़ाई गई।
उर्स में शिरकत करने जायरीन निजी वाहनों से व बसों व ट्रेन से अजमेर पहुंच रहे हैं। अब तक करीब 200 बसे अजमेर आ चुकी है। सैकंड़ों निजी वाहनों से लोगों ने विश्राम स्थली व अजमेर के आस पास क्षेत्रों में अस्थाई डेरा जमा लिया है।
उर्स को लेकर जिला प्रशासन ने भी व्यापक इंतजाम किए है। जायरीन की सुरक्षा और सुविधा की दृष्टि से कई व्यवस्थाएं की जा रही हैं। चिकित्सा, भोजन, पानी, आवागमन के अतिरिक्त साधन लगाए गए है। रेलवे प्रशासन ने विषेष रेल गाड़ियों का संचालन किया है।
माना जा रहा है कि रविवार से उर्स में जायरीन की आवाक तेज होगी। जो कि जुमे की नमाज होने तक लाखों की संख्या को पार करेगी। इधर मौसम में कुछ दिनों से आए बदलाव के कारण भी लोगों ने परेशानी महसूस की है।
तेज गर्मी के कारण लोग दिन में होटलों के कमरों में ही बैठे रहे। उर्स में सुबह और शाम से देर रात तक दरगाह क्षेत्र के आस-पास रौनक दिखाई देने लगी है।