अजमेर। अजमेर विकास प्राधिकरण का उपायुक्त दलाल से चालीस हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिए गए। यह कार्रवाई भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की स्पेशल टीम ने की है।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो स्पेशल युनिट के अतिरित्त पुलिस अधीक्षक राममूर्ति जोशी ने बताया कि परिवादी उस्मान हसन ने एसीबी चौकी में शिकायत दर्ज करवाई की उनका एक 220 गज का भूखंड आदर्शनगर क्षेत्र स्थित परिवहन कॉलोनी मेें स्थित है।
उसकी नियमन के लिए फाइल अजमेर विकास प्राधिकरण के नियमन शाखा में जमा करवा रखी है। नियमन के लिए लगातार चक्कर लगाने के बाद भी उनका काम नहीं हो रहा है।
उसने एसीबी को बताया एडीए परिसर में उन्हें दलाल रोहित जैन व विनोद जोशी फैजान व हसन रिजवान से मिला और कहने लगा कि आपका नियमन वाला काम वह करवा देगा लेकिन इसके बदले में 60 हजार रुपए देने होंगे।
दलाल रोहित जैन ने फैजान से नियमन के नाम पर चार दिन पूर्व ही 20 हजार रुपए ले लिए और बुधवार को 40 हजार रुपए देने थे लेकिन इससे पूर्व ही फैजान ने एसीबी को शिकायत दी, जहां एसीबी के अधिकारियों ने शिकायत का सत्यापन करवाया और एसीबी ने एडीए में अपना जाल बिछाया।
बुधवार को 40 हजार रुपए देने के लिए फैजान हसन को भेजा, जहां एडीए परिसर में जैसे ही फैजान हसन ने दलाल रोहित जैन को 40 हजार रुपए दिए और एसीबी ने उसे तुरंत धर दबोचा।
इसके बाद पूछताछ में दलाल रोहित जैन ने कहा कि यह रिश्वत राशि वह एडीए उपायुत्त के के गोयल के लिये ली है इसमें से मेरा हिस्सा 15 हजार रुपए है और बाकी के 25 हजार रुपए उपायुत्त के के गोयल को देने है।
एसीबी ने तुरंत रोहित जैन को उत्त रिश्वत राशि के साथ उपायुत्त गोयल के चैम्बर में भेजा जहां रिश्वत राशि को लेकर गोयल ने अपनी पेंट की जेब में रख ली। रिश्वत की राशि गोयल द्वारा जेब में रखते ही एसीबी ने गोयल को भी रंगे हाथों धरदबोचा।
एसीबी ने बताया कि रोहित जैन का उसका साथी विनोद जोशी भी दलाल का काम रहा है। नियमन शाखा के बाबू खेमसिंह से भी नियमन संबंधित फाइलों के बारे में पूछताछ की और एसीबी ने नियमन शाखा से करीब 400 फाइलें जांच के लिए जब्त करके अपने साथ ले गई।