अजमेर। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय के आदेश पर यहां डेडिकेटेड फ्रेट कोरिडोर के लिए भूमि अवाप्त करने को लेकर हुए कथित घोटाले को लेकर सिविल लाइन्स थाना पुलिस ने मामला दर्ज किया है।
याचिकाकर्ता शक्ति सिंह चौहान ने जापान के सहयोग से प्रस्तावित कोरिडोर के लिए शहरी क्षेत्र की जमीन पर बने मकान अवाप्त करने के खिलाफ लगाए गए इस्तगासे पर न्यायालय के आदेश से बुधवार को पुलिस ने मामला दर्ज किया है।
थानाधिकारी के अनुसार स्थानीय अदालत के आदेश पर 56 अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इस्तगासे में जिला कलक्टर सहित डीएफसीसी के 13 अधिकारियों, सिंचाई विभाग के 10 अधिकारियों, तीन उपखंड अधिकारियों तथा 17 पटवारियों के खिलाफ धोखाधड़ी, गुमराह करने और नदी नालों की जमीन अवाप्त करने का आरोप लगाया है।
मालूम हो कि केन्द्र की तत्कालीन संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार ने जापान के सहयोग से मालगाडियों के लिए अलग से रेलवे ट्रेक बिछाने का निर्णय लिया था। इसके तहत दिल्ली से गुजरात के कांडला बंदरगाह तक डेडिकेटेड फ्रेट कोरिडोर स्थापित किया जाना है। यह कोरिडोर अजमेर शहर से निकल रहा है जिसके तहत अजमेर की कल्याणीपुर और उसके आसपास के आवासीय मकान और जमीन अवाप्त किए गए हैं।
कल्याणीपुरा ग्रामीण क्षेत्र होने के बावजूद नगर निगम क्षेत्र में आता है। क्षेत्रवासियों का कहना है कि नियमानुसार यह ट्रेक शहरी क्षेत्र से नहीं गुजर सकता लेकिन अधिकारियों ने राजस्व रिकार्ड के आधार पर गजट नोटिफिकेशन जारी कर अवार्ड घोषित कर दिया था।