अजमेर। राजस्थान सरकार ने अजमेर के श्रीनगर चौराहे पर डेरा बनाकर रहने वाले लुहार परिवारों को नई जगह जमीन आवंटित कर चौराहे की समस्या का तो समाधान कर लिया लेकिन लुहार परिवारों को उनके हाल पर छोड दिया।
इन परिवारों को नई जगह पर मकान बनाने के लिए 70 हजार रुपए मंजूर किए गए लेकिन यह राशि उंट के मुंह में जीरा साबित हो रही है। उस पर शौचालय निर्माण के बाद ही इस राशि की अंतिम किस्त दिए जाने की शर्त लुहार परिवारों के लिए गलफांस बन गई है।
हाल ही में मंगल सेवा समिति के सदस्यों ने जब श्रीनगर चौराहे से हटाकर रामनगर बस्ती में बसाए गए इन लुहार परिवारों से मुलाकात की। मौके पर इन परिवारों की बदहाली साफ नजर आ रही थी।
समिति के सदस्यों ने कहा कि रामनगर बस्ती में लुहार परिवारों की हालत देखने मात्र से ही अंदाजा लगाया जा सकता है की जिस जगह लाइट, पानी, सड़क न हो उस जगह पर लुहार परिवारों को शिफ्ट कर उनके साथ जुल्म ही किया है।
यहां रह्ने वाले लुहार परिवारों को काम तक नहीं मिल पाता, बेरोजगरी और अभावों में निरंतर घिरते जा रहे इन परिवारों को सरकार ने 70,000 रुपए देने का वादा किया जिसमे से 50,000 दे दिए गए और 20,000 शौचालय बनाने पर देने का वादा किया गया।
इन परिवारों के सामने मुश्किल यह है कि कुल स्वीकृत 70,000 की राशि में दो कमरे बनना ही संभव नहीं ऐसे में बकाया 20,000 रुपए लेने के लिए शौचालय कैसे बनवा पाएंगे। जो दो कमरे बनवाएं हैं वे भी अधूरे से हैं। किसी के छत नहीं डल सकी तो किसी के दरवाजे खिडकियां नहीं हैं।
समिति ने इस बारे में जिला प्रशासन के जरिए राज्य सरकार को पत्र भेजकर लुहार परिवारों को बसाए गए स्थान पर मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने तथा सार्वजनिक शौचालय व्यवस्था मुहैया कराने की मांग की है।