अजमेर। कंपंकपाती सर्दी और उस पर बारिश की बौछारों जैसी बाधाओं के बावजूद प्रदेश वसुंधरा सरकार के खिलाफ नाराज कर्मचारियों ने खुले आसमान तले मोर्चा खोल दिया। सोमवार को संयुक्त संघर्ष समिति के आहवान पर अजमेर कलेक्ट्रेट कार्यालय के बाहर 11 कर्मचारियों ने 48 घंटे का अनशन शुरू कर आंदोलन का आगाज किया।
अनशनकारियों को राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत के प्रदेशाध्यक्ष चन्द्रशेखर शर्मा, प्रगतिशील के प्रदेश उपाध्यक्ष महेन्द्र कुमार सैन, वरिष्ठ कर्मचारी नेता भंवरसिंह जोधा ने माल्यार्पण कर कर्मचारियों को अनशन पर बैठाया।
पहले दिन पशु चिकित्सा संघ के प्रदेशाध्यक्ष अजय सैनी, जिला संयोजक ज्ञानेन्द्र सिंह, सह संयोजक राजीव सिंह गंगवार, ग्राम सेवक संघ से विशाल वैष्णव, पंचायत प्रसार अधिकारी संघ से मुकेश कांकाणी, सहायक कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष अनिल कुमार, वीरम सिंह, गुलाब सिंह भाटी, रमेश चंद, केएल सुनारिवाल आदि अनशन पर बैठे।
संघर्ष समिति के जिला प्रवक्ता दिनेश शर्मा ने बताया कि धरनार्थियों व उपस्थित कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कर्मचारी नेताओं ने वसुंधरा सरकार द्वारा बार बार टुकडों में आधी अधूरी घोषणा करने की अलोचना करते हुए सरकार को जमकर कोसा और चेतावनी दी कि वह वेतन कटौती वापस ले। पे मेट्रिक्स केन्द्र के समान करे।नवीन पेशनयोजना वापस हो और पुरानी पेंशन लागू हो। पीपी मोड के नाम पर निजीकरण बंद करे और राज्य कर्मचारियों को विश्वास में लेवें।
उल्लेखनीय है कि संयुक्त कर्मचारी संघर्ष समिति ने सरकार के चार साल पूरे होने पर सरकार की विफलताओं को उजागर करने का निर्णय लिया हुआ है। धरने पर बैठे कर्मचारियों की सभी कर्मचारी यूनियंस के नेताओं क्रमश: मोहीत गुप्ता, राजेश गुर्जर, गजराज चौहान, महेश शर्मा, सतीश गोधर, सईद अहमद, राधेश्याम सांखला, नवीन शर्मा, पीएम सिंह, कांति कुमार शर्मा, भागचंद सोनी, खुशीराम मीणा, अमरसिंह मीणा, अतुल शर्मा, जसवंत सिंह, प्रभुलाल आदि ने पुरजोर समर्थन किया।