अजमेर। अजमेर स्थित डीबीएन इंग्लिश मीडियम स्कूल को चोरी-छिपे हिन्दी मीडियम स्कूल में मर्ज करने के मामले की तीन स्तर पर जांच शुरू हो गई है।
इस प्रकरण में जिला प्रशासन ने शिक्षा विभाग से तीन दिन में रिपोर्ट तलब की है जबकि शिक्षा विभाग ने स्कूल प्रबंधन से बिंदुवार जवाब तलब किया है। इसी तरह जिला पुलिस ने डीएवी मैनेजमेंट कमेटी की धोखाधड़ी की जांच कर जल्द ही एफआईआर दर्ज करने की बात कही है।
इंग्लिश मीडियम स्कूल के बच्चों के अभिभावकों ने मंगलवार को स्कूल के बाहर प्रदर्शन किया। इसके बाद सभी अभिभावकों ने कलक्ट्रेट पहुंचकर पर प्रदर्शन किया।
एनएसयूआई के प्रदेश संयुक्त सचिव सुनील लारा व आम आदमी पार्टी उत्तर विधानसभा क्षेत्र प्रभारी जयश्री शर्मा की अगुवाई में अभिभावकों ने सहायक जिला कलक्टर को ज्ञापन देकर पूरे प्रकरण की जांच कराने की मांग की। इस पर उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी से तीन दिन में स्कूल की जांच कर रिपोर्ट पेश करने को कहा।
इसके बाद अभिभावक सहायक पुलिस अधीक्षक शहर अविनाश कुमार से मिले। उन्हें स्कूल प्रबंधन की धोखाधड़ी से अवगत कराते हुए मार्कशीट व फीस रसीद भी बतौर सबूत सौंपी। उन्हेंं अवगत कराया कि एक दिन पहले ही रामगंज थाना प्रभारी को लिखित शिकायत दी जा चुकी है। इस पर एएसपी ने मामले की तत्काल जांच कर कार्रवाई का आश्वासन दिया।
इसके बाद अभिभावक जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक सुशील कुमार गहलोत से मिले। उन्होंने अभिभावकों की शिकायत पर स्कूल प्रबंधन से बिंदुवार स्पष्टीकरण व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर पेश करने के आदेश जारी किए।
मामले में एनएसयूआई, आम आदमी पार्टी व अभिभावकों ने तय किया कि जल्द ही स्कूल प्रबंधन ने अंगे्रजी माध्यम के बच्चों को पहले की तरह अलग बैठाने की व्यवस्था नहीं की तो स्कूल पूरी तरह बंद करा दिया जाएगा।
शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी के गृह जिले में पिछले कई दिन से चल रहे इस मामले में अब विभिन्न संगठन भी अभिभावकों के साथ जुडऩे लगे हैं। अभिभावकों का एक शिष्टमंडल जल्द ही जयपुर जाकर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को भी मामले की जानकारी देगा।
यह दी शिकायत
शिकायत में बताया कि पिछले साल चौथी क्लास में बच्चों को कम्प्यूटर विषय पढ़ाया गया। हर माह स्कूल फीस के साथ कम्प्यूटर फीस भी ली गई, जिसकी रसीदें उनके पास हैं। पूरे साल यह विषय पढ़ाया गया। कम्यूटर विषय का एग्जाम भी हुआ लेकिन जब मार्कशीट दी गई तो उसमें कम्प्यूटर विषय नहीं है।
साइंस, सोशल साइंस की जगह हिन्दी माध्यम के विषय लिखे हुए हैं। साथ ही इस बार पूरी मार्कशीट हिन्दी में दी गई है जबकि इससे पहले मार्कशीट इंग्लिश में दी जाती थी। अभिभावकों का कहना है कि स्कूल प्रबंधन में चार-पांच महीने पहले ही इंग्लिश मीडियम को हिन्दी मीडियम को मर्ज करने की साजिश रची ली लेकिन अभिभावकों को अंधेरे में रखा।
अगर सेशन शुरू होने से पहले बता दिया जाता तो वे अपने बच्चों की टीसी कटवाकर किसी दूसरे इंग्लिश मीडियम स्कूल में प्रवेश दिला देते। जबकि स्कूल प्रबंधन ने नए सत्र की तीन माह की फीस ले ली, किताबें दिलवा दीं। अंग्रेजी माध्यम स्कूल अब तक जिस भवन में चल रहा था, वह भवन बीएड कॉलेज के सुपुर्द कर दिया।
अभिभावकों की मांग है कि इंग्लिश मीडियम स्कूल वापस पुराने वाले भवन में संचालित किया जाए। अंगे्रजी माध्यम स्कूल को पहले की तरह अलग से संचालित किया जाए। बच्चों को इंग्लिश फैकल्टी ही पढ़ाए।