लखनऊ। समाजवादी पार्टी में पल-पल बदल रहे सियासी समीकरणों के बीच साल के आखिरी दिन आखिरकार पार्टी मुखिया मुलायम सिंह यादव ने बैकफुट पर आते हुए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और प्रो. रामगोपाल यादव का निष्कासन वापस ले लिया।
इस निर्णय से फूट के कगार पर पहुंच चुकी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने राहत की सांस ली है। निष्कासन को रद्द कराने में वरिष्ठ नेता आज़म खां ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इससे पहले मुलायम और अखिलेश गुट ने शनिवार को अपनी-अपनी बैठकें बुलाई थीं, लेकिन मुख्यमंत्री की बैठक में 200 से अधिक विधायक, मंत्रियों के शामिल होने से साफ हो गया था कि टीपू ही असली सुल्तान हैं।
इसके बाद आजम स्वयं मुख्यमंत्री को लेकर मुलायम के आवास पर पहुंचे, जहां कुछ देर बाद प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव को भी बुलाया गया। जहां अखिलेश और रामगोपाल का निलम्बन वापस लेने पर सहमति बनी। इस फैसले के बाद ही पार्टी की वेबसाइट से दोनों नेताओं के निष्कासन पत्र हटा दिए गए।
बैठक के बाद शिवपाल ने कहा कि अखिलेश और रामगोपाल को तत्काल प्रभाव से पार्टी में वापस लिया जा रहा है। चुनाव में सब साथ मिलकर साम्प्रदायिक ताकतों से लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि टिकटों को लेकर सभी से बातचीत के बाद निर्णय लिया जाएगा और नई सूची तैयार बनाई जाएगी।
शिवपाल ने वर्ष 2017 में मिलकर पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने का भी दावा किया। हालांकि बैठक के दौरान अमर सिंह के खिलाफ सख्त कदम लेने की मांग की भी चर्चा है, लेकिन फिलहाल पार्टी के किसी नेता ने इस पर टिप्पणी नहीं की है।