लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोमवार को ट्विटर के जरिए शिक्षा मित्रों के आंदोलन का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री के ‘पिकनिक’ वाले बयान पर जवाब दे डाला। हालांकि उनके इस ट्वीट पर जो प्रतिक्रिया आई उसमें कई यूजर्स ने उलटे अखिलेश और उनकी पूर्ववर्ती सरकार को ही आड़े हाथों ले लिया।
सर्वोच्च न्यायालय के फरमान के बाद समायोजन रद्द होने के बाद सोमवार को प्रदेशभर से आए शिक्षा मित्रों ने अपना सत्याग्रह आंदोलन शुरू किया। आंदोलन में हजारों की तादाद में आए शिक्षा मित्रों के दर्द का जिक्र करते हुए अखिलेश ने सोमवार को ट्वीट किया कि लखनऊ में लाखों शिक्षामित्र अपने परिवार के भरण-पोषण और अपने आत्मसम्मान को बचाने के लिए इकट्ठा हुए हैं, पिकनिक के लिए नहीं।
अपने इस ट्वीट के साथ उन्होंने मुख्यमंत्री योगी के उस बयान का जवाब दिया, जिसे गोरखपुर में योगी ने बीआरडी मेडिकल कॉलेज में राहुल गांधी के दौरे पर दिया था। उस वक्त योगी ने अखिलेश को भी लपेटे में लेते हुए कहा था कि वह गोरखपुर को ‘लखनऊ के शहजादे’ या ‘दिल्ली के युवराज’ के लिए पिकनिक स्पाट नहीं बनने देंगे।
अखिलेश के इस ट्वीट के बाद प्रतिक्रिया की झड़ी लग गई। कई ने समर्थन किया तो कई ने अखिलेश के इस ट्वीट का जवाब दिया।
एक उपयोगकर्ता ने अखिलेश के ट्वीट पर कहा कि उत्तर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को गोबर से लीपने में आप का योगदान आपके पिता से भी ज्यादा है, इतिहास आपके साथ न्याय करे।
दूसरे ने ट्वीट किया कि जनता को न्याय जरूर मिलना चाहिए, जिससे वो पिछले 14 सालों से वंचित है पर समस्या तब पैदा हो जाती है जब इनके बीच आप जैसे पिकनिक लवर पहुंच जाते हैं।
एक अन्य उपयोगकर्ता ने लिखा कि वोटबैंक की राजनीति के लिए आपने उन्हें बिना योग्यता के नौकरी दी, और आज कोर्ट ने उन्हें निरस्त कर दिया तो सरकार को कोस रहे हैं। वास्तविकता तो ये है कि बिना योग्यता के इस बेरोजगारी भरे माहौल में अच्छा वेतन पाने वाले रोड पर आ गए हैं।
एक अन्य उपयोगकर्ता ने लिखा कि आपके बच्चे उस स्कूल में क्यों नही पढ़ रहे, जिसमें शिक्षा मित्र पढ़ाते हैं? आपने वोट बैंक के चक्कर में उन्हें शिक्षक बना दिया जो योग्य नहीं।
पांचवे ने कहा कि ये सब आप का ही किया धरा है, चौटाला की तरह आपको भी तिहाड़ जेल न. 2 में होना चाहिए था। वहीं एक अन्य ने लिखा कि तुम्हें शिक्षामित्र प्रेम ही ले डूबा, भाजपा ये गलती नहीं करेगी।