लखनऊ। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को समाजवादी पार्टी से निकाले जाने के बाद समर्थकों के सड़क पर उतरकर उपद्रव करने पर अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व व्यवस्था) दलजित सिंह चौधरी ने अलर्ट जारी कर दिया है।
अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व व्यवस्था) दलजित सिंह चौधरी ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश में अलर्ट जारी करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के समर्थकों का पूरे प्रदेश मे उपद्रव करने की रिर्पोट आई है और इसके वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों व पुलिस अधीक्षकों को उनके जनपदों में सुरक्षा व्यवस्था देखने के लिए कहा गया है।
यूपी में कानून व व्यवस्था को किसी भी हाल में बिगड़ने नहीं दिया जाएगा। बता दें कि समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को अगले छह वर्षो के लिए पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया। इसके बाद प्रदेश के प्रमुख जनपदों व महानगरों में अखिलेश समर्थक सड़क पर उतर आए और जहां तहां उपद्रव व हंगामा किया।
तीन अखिलेश समर्थकों ने की आत्मदाह की कोशिश
समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव द्वारा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और राष्ट्रीय महासचिव प्रो.रामगोपाल यादव को पार्टी से छह वर्ष से निकालने जाने के बाद उग्र अखिलेश समर्थकों ने सीएम आवास और मुलायम आवास के बाहर जमकर प्रदर्शन और नारेबाजी की।
तीन समर्थकों ने मुख्यमंत्री आवास के बाहर आत्मदाह की भी कोशिश की, लेकिन पुलिस ने सजगता से उन्हें पकड़ लिया। वहीं प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव के आवास के बाहर भी उनके समर्थकों ने प्रदर्शन किया।
सपा मुुखिया के फैसले की जानकारी जैसे ही अखिलेश समर्थकों और कार्यकर्ताओं को मिली, उनका हुजूम मौके पर उमड़ पड़ा। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने सीएम आवास के बाहर भीड़ नियंत्रित करने के लिए लगायी गयी बैरीकैडिंग पर भी चढ़ने की कोशिश की और शिवपाल यादव सहित राष्ट्रीय महासचिव अमर सिंह को पार्टी से तुरन्त निकालने जाने की मांग की।
कई कार्यकर्ताओं ने सड़क पर बैठकर भी अपना विरोध जताया। वहीं कुछ लोगों ने मुलायम और शिवपाल के पोस्टर जलाकर भी अपनी नाराजगी का इजहार किया है। इसके अलावा तीन लोगों ने कैरोसिन डालकर आत्मदाह करने की भी कोशिश की, लेकिन पुलिस ने तत्काल उन्हें रोक कर मौके से हटाया।
सूबे के इस सबसे बड़े सियासी घटनाक्रम के बाद अखिलेश समर्थक विधायक और मंत्रियों का भी उनके आवास पर पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया। मौके पर तनावपूर्ण हालात को देखते हुए राजधानी के कई थानों की पुलिस को मुख्यमंत्री आवास के आस-पास तैनात कर दिया गया।
विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सपा में आए इस भूचाल ने पार्टी को जहां सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया है, वहीं समर्थक भी अलग-अलग गुटो में बंट गए हैं और अपने-अपने नेताओं के पक्ष में प्रदर्शन और नारेबाजी कर रहे हैं।
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