दुमका। भारतीय मौद्रिक नोट पर अब झारखण्ड में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली आदिवासी भाषा सांतली भाषा भी अंकित की जाएगी, केन्द्र सरकार के इस निर्णय से झारखण्ड के लोगों में हर्ष का माहौल है।
केन्द्र सरकार के इस निर्णय के बाद मंगलवार को दिसोम मारंग बुरु युग जाहेर आखघ के सदस्य और ग्रामीणों ने सदर प्रखंड के दुदिंया गांव के मंझीथान में मारंग बुरु आदि इष्ट देवी-देवताओं का पूजा कर हर्ष जाहिर किया।
उल्लेखनीय है कि संताल समुदाय झारखंड की सबसे बडी आदिवासी आबादी है और देश में दूसरी सबसे बडी आदिवासी आबादी है। ऐसे में भारतीय करेंसी नोट में संताली को जगह मिलना आदिवासी समाज के लिए किसी सपने के पूरे होने से कम नहीं है। केंद्र सरकार ने नोट पर अंकित होने वाले वाक्य को आठवीं अनुसूची में शामिल सभी भाषाओं में लिखने का निर्देश जारी किया है। संताली भाषा के आठवीं अनुसूची में शामिल होने के कारण इसे भारतीय करेंसी पर जगह मिल रही है।
-ओलचिकि लीपि है सांतली की
अखघ के सदस्य और ग्रामीणों ने खुशी जताते हुए कहा कि अब नोटों में संताली के ओलचिकी लिपि हैं। करेंसी नोट पर इसी लीपि में वाक्य लिखे जाएंगे। सरकार के इस कदम से संताल आदिवासी समुदाय की भाषा, लिपि, संस्कृति और सभ्यता की पहचान झलकेगी।
-22 भाषाएं हैं आठवी अनुसूची में
संविधान की आठवी अनुसूची में कुल 22 भाषाएं हैं। वर्तमान में भारतीय नोट पर मात्र 15 भाषाएं ही उत्कीर्ण हैं। केन्द्र सरकार के आठवी अनुसूची की सभी भाषााओं को नोटों पर जगह देने के निर्णय के बाद सात अन्य भाषाओं को भी अब भारतीय नोटों पर पाया जा सकेगा।