कोलकाता। वरिष्ठ वामपंथी नेता व आल इंडिया फारवर्ड ब्लाक के प्रदेश सचिव अशोक घोष का निधन हो गया। वह 93 वर्ष के थे। गुरूवार सुबह सवा ग्यारह बजे के करीब कोलकाता के बाईपास इलाके में स्थित एक गैरसरकारी अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली।
फेफडे में संक्रमण के चलते दो फरवरी को उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अशोक घोष के निधन पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सहित सभी राजनीतिक दलों के नेताओँ ने गहरा दुख व्यक्त किया है।
हुगली जिले के चुंचुडा में 2 जुलाई 1923 को पैदा हुए अशोक घोष फारवर्ड ब्लाक की स्थापना के समय से इससे जुड गए। 1939 में नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने फारवर्ड ब्लाक की स्थापना की और उसी साल अशोक घोष को भी नेताजी से मिलने का अवसर मिला।
नेताजी के आदर्शों से प्रेरित होकर महज 16 साल की आयु में अशोक घोष ने घर परिवार छोड दिया और स्वाधीनता आंदोलन में शामिल हो गए। 1952 में वह पहली बार फारवर्ड ब्लाक के प्रदेश सचिव बने और मृत्यु पर्यन्त इस पद पर बने रहे।
वाम मोर्चा में उनका कद काफी बडा था और ज्योति बसु के बाद अशोक घोष ही सबसे वरिष्ठ और स्वीकार्य माने जाते थे। अन्य दलों के लोग भी उन्हें आदर देते थे।
राजनीतिक प्रतिद्वंदिता के बावजूद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अशोक घोष का बेहद सम्मान करती थीं। अभी पिछले साल ही मुख्यमंत्री ने अशोक घोष से उनके पार्टी कार्यालय में जाकर मुलाकात की थी। इस दौरान ममता ने उनका आशीर्वाद लेने के साथ-साथ उन्हें कई उपहार भी दिए थे।