नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने शुक्रवार को केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा नीत सरकार को समर्थन जताते हुए कहा कि यह प्रतिबद्धता और समर्पण के साथ सही दिशा में बढ़ रही है। संघ ने ‘रिमोट कंट्रोल’ की तरह काम करने संबंधी आलोचनाओं को खारिज कर दिया।
सरकार और भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के साथ तीन दिन के ‘समन्वयÓ सत्र के बाद संघ ने कहा कि वह सरकार के कामकाज की समीक्षा नहीं कर रहा है। बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वरिष्ठ मंत्रियों ने संघ पदाधिकारियों के साथ संवाद किया।
संघ के सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने कहा कि संघ ने केवल मंत्रियों को अपनी तरफ से विचार बताए जो स्वयंसेवक हैं और संघ को ऐसा करने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि केवल 14 महीने गुजरे हैं। काफी समय है और बहुत कुछ किया जाना है। अब तक जो कुछ हुआ है, उसकी दिशा सही है। समर्पण, प्रतिबद्धता और उपलब्धियां सही हैं। हमें आगे बढऩा होगा। सभी को शत प्रतिशत संतोष नहीं हो सकता।
उन्होंने कहा कि हम न तो समीक्षा कर रहे और न ही सरकार को कोई संदेश दे रहे हैं। हम केवल विचार साझा कर रहे हैं। तीन दिन के ‘समन्वय’ सत्र में संघ के सर संघचालक मोहन भागवत और शीर्ष पदाधिकारियों ने सरकार और भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के साथ आमने सामने बातचीत की जिनमें वरिष्ठ मंत्री भी शामिल रहे। प्रधानमंत्री नरें मोदी ने अंतिम दिन बैठक में भाग लिया।
संघ द्वारा सरकार को दिशानिर्देश दिये जाने और मंत्रियों द्वारा संघ को जानकारी देकर गोपनीयता की ली गयी शपथ का उल्लंघन किये जाने संबंधी आलोचनाओं का जवाब दे रहे होसबोले ने कहा कि हम कोई गैरकानूनी संगठन नहीं हैं। हम भी देश के नागरिक हैं। हमें मंत्रियों से बात करने का पूरा अधिकार है जो स्वयंसेवक भी हैं। गोपनीयता की बात कहां से आ गई। स्वयंसेवक हैं जो मंत्री बन गए हैं।
संघ पर रिमोट कंट्रोल की तरह काम करने के कांग्रेस के आरोपों पर उन्होंने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस क्या कहती है हमें उस का जवाब देने की जरूरत नहीं है। वे रिमोट कंट्रोल से चल रहे थे। इसलिए उन्हें हमारे बारे में बात करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।
सरकार के नुमांइदों के साथ बातचीत को उचित ठहराते हुए संघ पदाधिकारी ने कहा कि जब मंत्री सीआईआई या फिक्की या अन्य आयोजनों में जाते हैं, तब मीडिया इसे मुद्दा नहीं बनाता। एक सवाल के जवाब में होसबोले ने कहा कि संघ सरकार की समय-सारणी के अनुसार अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का इंतजार करेगा क्योंकि यह मुद्दा सुप्रीमकोर्ट में लंबित है।