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ठगने वाले बाबाओं पर अंकुश लगाए केंद्र और राज्य सरकार : अदालत - Sabguru News
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ठगने वाले बाबाओं पर अंकुश लगाए केंद्र और राज्य सरकार : अदालत

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ठगने वाले बाबाओं पर अंकुश लगाए केंद्र और राज्य सरकार : अदालत
Allahabad High Court declares Jyotishpeeth Shankaracharya post vacant
Allahabad High Court declares Jyotishpeeth Shankaracharya post vacant
Allahabad High Court declares Jyotishpeeth Shankaracharya post vacant

इलाहाबाद। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्र व राज्य सरकार से कहा है कि वह भोली-भाली जनता को ठगने वाले बनावटी बाबाओं पर अंकुश लगाए।

अदालत ने ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य पद पर स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती व स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के चयन को वैध नहीं माना है और तीन माह के अंदर नए शंकराचार्य की नियुक्ति का आदेश दिया है।

अदालत ने कहा है कि तीन माह के अंदर बाकी तीन पीठों के शंकराचार्य मिलकर ज्योतिष पीठ के लिए योग्य शंकराचार्य का चयन करेंगे। यह आदेश न्यायाधीश सुधीर अग्रवाल व न्यायाधीश केजे ठाकुर की खंडपीठ ने स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती की अपील को आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए दिया है।

अदालत ने कहा कि ज्योतिष पीठ को लेकर दीवानी अदालत की स्थायी निषेधाज्ञा नई नियुक्ति तक बरकरार रहेगी। अदालत ने अखिल भारत धर्म महामंडल व काशी विद्वत परिषद को योग्य संन्यासी ब्राह्मण को तीनों पीठों के शंकराचार्यों की मदद से नया शंकराचार्य घोषित करने का आदेश दिया है।

अदालत ने कहा कि इसमें 1941 की प्रक्रिया अपनाई जाए। अदालत ने ने नया शंकराचार्य नियुक्त होने तक यथास्थिति कायम रखने का आदेश दिया है और आदि शंकराचार्य द्वारा घोषित चार पीठों को ही वैध पीठ माना है।

अदालत ने स्वघोषित शंकराचार्यों पर भी कटाक्ष किया है और स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती व स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती, दोनों को वैध शंकराचार्य नहीं माना है।

अदालत ने केंद्र व राज्य सरकार से कहा है कि वह भोली-भाली जनता को ठगने वाले बनावटी बाबाओं पर अंकुश लगाए। फर्जी शंकराचार्यों व मठाधीशों पर भी अंकुश लगे। मठों की संपत्ति का ऑडिट कराया जाए।

अदालत ने स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती को छत्र, चंवर, सिंहासन धारण करने पर निचली अदालत से लगी रोक को बरकरार रखा है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शंकराचार्य पद के मामले में फैसला सुनाते हुए कहा कि जब तक तीन माह में चयन प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती है, तब तक स्वामी वासुदेवानंद शंकराचार्य के पद पर बने रहेंगे। धार्मिक संगठन मिलकर तीन महीने में ज्योतिष पीठ बद्रिकाश्रम के शंकराचार्य के पद पर नए नाम का चयन करें।