इलाहाबाद। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के खिलाफ दायर याचिका एक लाख रूपए हर्जाने के साथ खारिज कर दी। याचिका बसपा के पूर्व विधायक धूराम चौधरी ने दाखिल की थी।
न्यायाधीश सुनीत कुमार ने धूराम चौधरी की याचिका पर यह आदेश दिया। याचिका दायर कर बसपा नेता ने सत्र न्यायाधीश महोबा के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसके तहत सत्र न्यायालय ने न्यायिक मजिस्ट्रेट कुलपहाड़ महोबा अंकित गोयल द्वारा मुलायम सिंह के खिलाफ जारी सम्मन पर रोक लगा दी थी।
न्यायिक मजिस्ट्रेट ने मुलायम सिंह के ‘एक औरत से चार लोग रेप नहीं कर सकते’ कथित बयान को लेकर स्वतः संज्ञान लेकर सपा सुप्रीमो को 21 अगस्त 2015 के आदेश से तलब कर लिया था और आपराधिक मुकदमा कायम किया था।
इस आदेश पर सत्र न्यायालय द्वारा रोक लगाए जाने को याचिका में अनुच्छेद 227 के तहत चुनौती दी गई थी। याचिका का विरोध प्रदेश के महाधिवक्ता विजय बहादुर सिंह, अपर महाधिवक्ता इमरानउल्ला एवं राजकुमार सिंह चौहान ने किया और कहा कि याचिका सपा सुप्रीमो को बदनाम करने के लिए दुर्भावाग्रस्त होकर दाखिल की गई है।
याची का विवाद से कोई सरोकार नहीं है। इसलिए याचिका भारी हर्जाने के साथ खारिज की जाए। महाधिवक्ता ने कहा कि मजिस्ट्रेट ने स्वतः संज्ञान लेकर सपा सुप्रीमो को तलब करने वाले मुकदमे को उसे सुनने का क्षेत्राधिकार भी नहीं था। उसे सत्र न्यायाधीश को संदर्भित करना चाहिए था।