

इलाहाबाद। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उत्तरप्रदेश में 31 दिसम्बर 2015 के बाद केबल प्रसारण के लिए सेट टाॅप बाक्स अनिवार्य करने की केन्द्र सरकार की अधिसूचना पर रोक लगा दी है तथा केन्द्र सरकार से चार हफ्ते में जवाब मांगा है।
यह आदेश न्यायाधीश तरूण अग्रवाल तथा न्यायाधीश वी.के.मिश्र की खण्डपीठ ने इलाहाबाद केबल नेटवर्क व अन्य की याचिका पर दिया है।
केन्द्र सरकार ने चरणबद्ध तरीके से बड़े व मझले शहरों में केबल प्रसारण के लिए सेट टाॅप बाक्स अनिवार्य किया। इसके बाद पूरे देश में बिना सेटटाॅप बाक्स केबल प्रसारण पर रोक लगा दी।
सभी केबल नेटवर्क को अनिवार्य रूप से सेटटाॅप बाक्स लगाने की अधिसूचना जारी कर दी। चार राज्यों में इसे चुनौती दी गई। वहां की हाईकोर्टाें ने अधिसूचना लागू करने पर रोक लगा रखी है। इसे देखते हुए प्रदेश में भी रेाक लगा दी गई है।
याचियों का कहना है कि पर्याप्त संख्या में सेट टाॅप बाक्स उपलब्ध नहीं है। जिसकी वजह से समय सीमा बढ़ायी जाए तथा केबल प्रसारण एजेंसियों का उत्पीड़न रोका जाए।
भारत सरकार के सहायक सालीसीटर जनरल का कहना है कि केन्द्र सरकार ने मनोरंजन कर की वसूली के लिए जनहित में सेटटाप बाक्स से केबल प्रसारण अनिवार्य करने की अधिसूचना जारी की है।
बाक्स के जरिए प्रसारण की गुणवत्ता में काफी सुधार हुआ है। केबल नेटवर्क मालिक की मनमानी से आम जनता को राहत मिली है। याचिका की अगली सुनवाई तीन सप्ताह बाद होगी।