प्रतापगगढ़। उत्तर प्रदेश में प्रतापगढ़ जिले के पट्टी विधान सभा क्षेत्र से प्रदेश की सत्तारुढ़ समाजवादी पार्टी के विधायक राम सिंह पटेल का चुनाव रद्द किए जाने के बाद सपा खेमे में मायूसी छाई हुई है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खण्डपीठ ने मंगलवार को ही विधायक रामसिंह का चुनाव रद्द किया है।
वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में जहां सूबे में सपा की आंधी में पूर्ण बहुमत की सरकार बनी थी, वहीं पट्टी विधान सभा से कई बार भाजपा से विधायक रहे राजेन्द्र प्रताप सिंह उर्फ मोती सिंह महज 156 मतों से सपा के उम्मीदवार राम सिंह से हार गए थे।
मतगणना के दौरान पट्टी विधानसभा की मतगणना पंडाल में बवाल भी हुआ था जिसमें कवरेज करने गए दो दर्जन पत्रकारों को भी पुलिस की लाठियों का शिकार होना पड़ा था। भाजपा प्रत्याशी के एजेंटों की मांग थी कि ईवीएम के अतिरिक्त लिफाफे में हुए पोस्टल मतदान की पुनः गिनती कराई जाए।
परन्तु सपा के पक्ष में पूर्ण बहुमत आता देख अधिकारियों ने हाथ खड़े कर दिए थे। बाद में भाजपा उम्मीदवार मोती सिंह ने इस चुनाव को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी जिसमें न्यायालय ने मंगलवार को फैसला सुनाया।
उच्च न्यायालय के इस फैसले से प्रदेश की सत्तारुढ़ सपा को तगड़ा झटका लगा है। मोती सिंह के पक्ष में निर्णय आने पर जहां भाजपा के कार्यकर्ता गदगद हैं, वहीं सपाईयों में मायूसी छाई हुई है।
न्यायालय के फैसले पर मोती सिंह ने फोन पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि हमें न्याय पालिका पर विश्वास था उच्च न्यायालय का फैसला ऐतिहासिक है। मैं अभी दिल्ली में हूं सत्य की जीत हुई है।