इलाहाबाद़। शहर के नामचीन चिकित्सक अश्विन कुमार बसल (61 वर्ष) को उनके चेम्बर में गुरुवार शाम 6:40 बजे अपराधी गोली मारकर फरार हो गए। जीवन ज्योति अस्पताल में उपचार के दौरान 9:56 बजे उनकी मौत हो गई।
डॉ. बंसल की हत्या की खबर से शहर चिकित्सक दहशत में हैं। आए दिन सरकारी व निजी अस्पतालों के चिकित्सकों को दी जा रही धमकियों के सम्बन्ध में लगातार आईजी, डीआईजी, एसएसपी को सूचनाएं देते रहते हैं लेकिन पुलिस सिर्फ खानापूर्ती करने में जुटी रहती है।
डाॅ. ए.के. बसंल गुरुवार शाम करीब साढ़े छह बजे जीवन ज्योति अस्पताल के चेम्बर-24 में मरीज को देख रहे थे तभी उनके चेम्बर में 6:40 बजे एक युवक जीन्स पैंट पहने मफलर से मुंह बांधे पहुंचा और अचानक ही पिस्टल निकालकर चार गोलियां चला दी।
ऐसे में डॉक्टर बंसल के सिर में एक गोली तथा दो गोली उनके चेहरे पर लगी। आनन-फानन में घायल डॉक्टर को ऑपरेशन थिएटर में ले जाया गया मगर चिकित्सक उन्हें बचा नहीं सके। रात को करीब 9:56 बजे उनकी मौत हो गई।
डॉ बंसल के मौत की जानकारी होते ही पत्नी डॉ. वंदना बंसल और दोनों बेटे अर्पित व हर्षित का रो-रोकर बेहाल हो गए। खबर मिलते ही उनके भाई प्रवीण कुमार बंसल सहित उनके परिवार के लोग पहुंचे। पुलिस ने उनके भाई की तहरीर पर अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया।
जिलाधिकारी के निर्देश पर रात लगभग सवा एक बजे वीडियोग्राफी के साथ उनका अन्त्यपरीक्षण (पोस्टमार्टम) शुरू हुआ और दो बजे के बाद शव उनके परिजनों को सौंप दिया गया। उनके चेहरे व सिर में लगी दो गोलिया पार हो चुकी थी।
एक गोली उनके चेहरे में पर पाई गई है। 30 बोर की गोली का प्रयोग हुआ है, जिससे यह माना जा रहा है कि अपराधी माउजर से गोली मारी है। उनके शव को भारी सुरक्षा के बीच उनके जार्जटाउन स्थित आवास पर लाया गया। जहां शहर के सभी चिकित्सक उनके जानने वालों की भीड़ सुबह दस बजे तक लगी।
उनका अन्तिम संस्कार रसूलाबाद घाट पर शुक्रवार को किया जाएगा। नगर पुलिस अधीक्षक विपिन टांडा, सीओ बैरहना, क्राइम ब्रांच पुलिस अधीक्षक, एसएसपी शलभ माथुर, आईजी, डीआईजी मौके पर पहुंचे थे और सीसी टीवी फुटेज के आधार पर संदिग्धों की तलाश में दबिस दे रही है।
पुलिस को रात में एक लावारिश स्कूटी भी मिली है। दबंग विधायक सहित कई राजनेताओं से दुश्मनी और कई नई एवं पुराने मुकदमे के वादियों एवं विरोधियों सहित शातिर अपराधियों की टोह ले रही है। आशंका जताई जा रही है कि वारदात को भाड़े के सूटरों ने एक योजना के तहत अंजाम दिया। रेकी पहले से की जा रही थी।