पटना। बिहार सरकार ने राज्य में देशी और मसालेदार शराब को पूर्णतया बंद करने के बाद ताड़ी पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। ताड़ी पर प्रतिबंध की खबर मिलने के बाद ‘हम’ सुप्रीमो जीतन राम मांझी ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
मांझी ने कहा है कि सरकार यह रवैया दलित विरोधी है। जीतन राम मांझी इस फैसले पूरी तरह भड़क उठे हैं। उन्होंने कहा कि ताड़ी के कारोबार में गरीब और अनुसूचित जाति और जनजाति के लोग शामिल हैं। सरकार को ऐसा नहीं करना चाहिए।
पूर्व मुख्यमंत्री ने रविवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि मैंने भी दवा के रूप में ताड़ी का सेवन किया है। मैंने ताड़ी पी है। मांझी ने कहा कि 15 दिनों तक मैंने दवा के रूप में ताड़ी का सेवन किया है।
बिहार सरकार द्वारा ताड़ी को बेचने पर प्रतिबंध लगाने के बाद इस मसले पर जीतन राम मांझी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। वहीं हम पार्टी के अनुसूचित जाति के प्रदेश अध्यक्ष सुपेन्द्र नाथ चौधरी ने कहा कि महागठबंधन में मुनेश्वर चौधरी, प्रेमा चौधरी, प्रकाश वीर (राजद) मनीष कुमार (जदयू) बंटी चौधरी (कांग्रेस) सभी पासी जाति के विधायक हैं।
ये न भूलें कि इनके घर-परिवार के लोग आज भी ताड़ी बेच कर घर चला रहे हैं। इन लोगों को अपनी जाति के लोगों के प्रति सहानुभूति है तो सरकार के इस दलित विरोधी फैसले का खुल कर विरोध करें।
शराब के बंद हो जाने के बाद उत्पाद विभाग को ताड़ी में अवैध शराब मिलाने की सूचना मिली थी। उत्पाद विभाग को शराब बंदी के कुछ ही घंटों बाद विभिन्न माध्यमों से पता चला कि ताड़ी की खपत बढ़ गई है और अचानक ताड़ी पीने वाले भी बढ़ गए हैं।
इसका फायदा उठाकर धंधे बाज ताड़ी में अवैध शराब और नशीली पदार्थ मिलाकर पिला रहे हैं। जैसे ही यह खबर विभाग को मिली उसके बाद ताड़ी को बेचने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।