लेट कर पढ़ने की आदत तो हल्के में न लें और इससे पहले कि यह आपकी हैबिट बन जाए, बेहतर होगा कि आप राइट पोश्चर में रीडिंग शुरू कर दें। असल में स्टूडेंट्स को कई-कई घंटे लगातार, जिसके चलते कई बार उन्हें थकान महसूस होने लगती है।
ऐसे में जिस पोश्चर में आराम मिलता है, उसी में स्टडी करने लगते हैं। लेट कर पढ़ना सभी को अच्छा लगता है, लेकिन इसका बैड इफेक्ट हमारी आंखों पर पड़ता है और वे वीक हो जाती हैं। स्टडी का प्रॉपर तरीका क्या है, इसे जानना बहुत जरूरी है।
ऐसे होती है प्रॉब्लम
हम जब थकते हैं, तो सोचते हैं कि कुछ देर लेटकर रिलेक्स हो जाए। लगातार पढ़ते रहने के दौरान भी कुछ ऐसा ही मन करता है। बच्चे हों या बड़े सभी रिलेक्स होने के लिए कभी-कभी लेटकर पढ़ने लगते हैं। लेकिन कुछ देर का यह आराम अगर आदत में शामिल हो जाए तो यह काफी खतरनाक हो जाता है। लेटकर पढ़ने से किताब एक शार्प एंगल आंखों पर बनाती है, जिससे आंखों पर स्ट्रेस पड़ता है। इस पोजीशन में पर्याप्त लाइट भी आंखों को नहीं मिलती है। नतीजतन आंखें धीरे-धीरे कमजोर होने लगती हैं।
लाइट का प्रॉपर होना जरुरी
पढ़ाई हमेशा प्रॉपर लाइट में ही करनी चाहिए। कम लाइट या फिर बहुत ज्यादा लाइट होने से आंखों पर जोर पड़ता है और उनकी मसल्स की एक्स्ट्रा एनर्जी खत्म होनी शुरू हो जाती है। प्रॉपर लाइट न होने कि वजह से ही आई साइट के वीक होने का मेन रीजन मानी जाती है।
क्या हो सही पोजीशन
स्टडी के समय आंखों और हमारी किताब के बीच का डिस्टेंस न तो अधिक होना चाहिए और न ही बहुत कम। हमारी पोजीशन इस तरह की होनी चाहिए कि लाइट हमारे सामने से किताब पर आए और हमारी शेड किसी भी सूरत में बुक या कॉपी पर न पड़े। कई बार ऐसा होता है कि जब सन लाइट या फिर ट्यूबलाइट में स्टडी करते हैं, तो हमारी शेड किताब पर पड़ती है। इससे लाइट कम हो जाती है और आंखों में खिचाव होने लगता हैं।
जरूरी है रिलेक्स
देर तक लगातार स्टडी करने से हमारी आंखें थक जाती हैं। ऐसे में जब हम स्टडी करते हैं, तो हमें ठीक से याद भी नहीं होता है। इसलिए जरूरी है कि थोडी-थोडी देर में आंखों को आराम दिया जाए। तकरीबन हर दो घंटे में आंखों को 5 से 10 मिनट बंद कर लें। आंखों की थकावट दूर होना शुरू हो जाएगी। साबुन से हाथ धोने के बाद ठंडे पानी के छीटों से आंखें धोएं। थकान दूर होने के साथ आंखें बीमारियों से भी बची रहेंगी।
ले पूरी नींद
लगातार रीडिंग करते समय अगर नींद आने लगे तो थोड़ी देर सो लेना बेहतर रहेगा। आंखों को थकान से बचाने के लिए छ: से आठ घंटे की नींद जरूरी है। इतनी नींद पूरे दिन की आंखों की थकान को दूर कर देती है। सुबह जब उठें तो आंखों को साफ पानी से धोएं। पॉमिंग जैसी कुछ एक्सरसाइज भी कर लें। इसमें आप किसी योगा एक्सपर्ट या फिर आखों के डॉक्टर से एडवाइज ले सकते हैं।
न भूले चश्मा
जिनकी आई साइट वीक है, उन्हें हमेशा चश्मा लगाना चाहिए। चश्मे का फ्रेम हल्का रखें ताकि आंखों पर टेंशन न हो। आई साइट चेक कराते रहें, साथ ही जो लोग कॉन्टेक्ट लेंस लगाते हैं, उन्हें चाहिए कि लैंस लगाते और निकालते समय हाथ अच्छी तरह साफ कर लें। लैंस को भी अच्छे लिक्विड में रखें।
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