आजमगढ़। समाजवादी पार्टी के पूर्व महासचिव एवं मुलायम के करीबी राज्यसभा सदस्य अमर सिंह गुरुवार को अपने गृह जनपद में थे। सपा से दूसरी बार निकाले गए अमर सिंह ने मीडिया के सामने सपा परिवार और कांग्रेस को लेकर ऐसे खुलासे किए कि सुन कर दंग रह जाएंगे। उन्होंने यह भी बताया कि वे निर्दल सांसद है और किसी के साथ रहने, अपने मन की बात बोलने के लिए स्वतंत्र हैं।
मुलायम के कहने पर छोड़ा लखनऊ
अमर सिंह ने कहा कि एक बार पिता और फिर पुत्र अखिलेश द्वारा पार्टी से निष्काषित हूं। छह माह के अन्दर जब मेरी सपा में वापसी हुई तो मैं एक ऐसा महासचिव रहा जिसको मुलायम सिंह यादव ने आदेश दिया कि आजम खां, रामगोपाल यादव, अखिलेश यादव नहीं चाहते कि आप लखनऊ रहे या रजत जयंती समारोह में शामिल हो, इसके बाद मैं नहीं गया।
बलात्कारियों की पार्टी सपा
अमर ने कहा कि अखिलेश यादव ने एक ऐसी समाजवादी पार्टी बनाई जिसमें गुंडे और बदमाशों का कोई स्थान नहीं है। उन्होंने सुचिता और शुद्धता की राजनीति का शुभारम्भ सुल्तानपुर से किया है। सुल्तानपुर से राहुल और अखिलेश के संयुक्त उम्मीदवार अरूण वर्मा एक क्षत्रिय बालिका के सामूहिक बलात्कार और गैंगरेप के आरोपी है।
अखिलेश जी की सरकार ने इसकी शिकायत तक दर्ज नही की। हाईकोर्ट की मध्यस्थता पर शिकायत दर्ज हुई और पीडिता को हाईकोर्ट ने गवाही के लिए बुलाया तो उससे ठीक एक दिन पहले उसकी नृशंस हत्या हो गई।
कथित बलात्कार के आरोपी गायत्री प्रजापाति, अवैध खनन के आरोपी है। इनके खिलाफ भी सरकार ने मामला दर्ज नहीं किया बल्कि सर्वोच्च न्यायालय को हस्तक्षेप करना पड़ा।
गायत्री सिरमौर और हम अपराधी
अमर कहते हैं कि नई समाजवादी पार्टी में जो बलात्कार शिरोमणि है, अवैध खनन का शहंशाह है वह सिरमौर है और हम सब अपराधी। हमसे कहा गया कि जयंती समारोह में मत आओ, नहीं आए, विदेश भी चले गए लेकिन सहने की सीमा होती है। चुप रहने की सीमा होती है मैं चुप रहा लेकिन मैं धन्यवाद देता हूं अखिलेश जी को कि उन्होंने मुझे सपा से बाहर कर दिया।
बलराम और दुर्गा भी बन गए संत
अमर ने कहा कि आजमगढ़ जनपद में भी अखिलेश के दो सिरमौर है, दुर्गा यादव और बलराम यादव। मुझसे पाप हुआ, मै नहीं होता तो आयुर्वेद घोटाले में बलराम जेल में होते लेकिन वे कैबिनेट मंत्री बने और आज भी है। दुर्गा यादव के बारे में मुझे कुछ नहीं कहना है, उनकी पृष्टभूमि के बारे में आजमगढ का बच्चा बच्चा जानता है।
आजम खां कहते हैं कि कश्मीर हिन्दुस्तान का अंग ही नहीं है रोज हमारे जवान कुर्बानी दे रहे हैं और कांग्रेस हमारी सेनाध्यक्ष की बुराई कर रही है क्योंकि उसने कह दिया कि हम पाकिस्तानियों को बख्सेंगे नहीं।
शास्त्री जी ने कहा तो सोमवार को छोड़ दिया खाना
मैं राजनीति की बात नहीं बल्कि राष्ट्रवाद की बात कहता हूं। आज से बर्षो पहले लालबहादुर शास्त्री जी कांग्रेस के प्रधानमंत्री थे। उन्होंने कहा कि देश में गेंहू नही है यह बाहर से आ रहा है। तो हम लोगों ने सोमवार को खाना बंद कर दिया। देश का प्रधानमंत्री आरएसएस, भाजपा और कांग्रेस का नहीं होता। उसे बाहरी कहा जा रहा है। इस पर मैने कह दिया कि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म मथुरा, वृन्दावन में हुआ लेकिन वे यहां छोडकर गुजरात चले गए। गुजरातियों ने उन्हें बाहरी नहीं कहा और द्वारिका का राजा बनाया। तो बडौदा और वाराणसी से जीते हमारे प्रधानमंत्री ने तो यूपी का गौरव बढ़ाया है वे बाहरी कैसे हुए।
मोदी बाहरी तो नेहरू कहां के
अमर ने कहा कि नेहरू टकरी और कौर उत्तर प्रदेश मूल पंडित नहीं हैं। दूबे, चौबे सुना होगा किसी नेहरू और टकरी का नाम आपने आजमगढ, बलिया या पूर्वान्चल में सुना है। ये कश्मीर से आए हुए लोग हैं। अगर राहुल और अखिलेश जी दोनों साथ और उत्तर प्रदेश को साथ पसन्द है, राहुल का साइकिल पर हाथ पसन्द है तो राहुल और अखिलेश के नेता आजम खान कैसे कहते है कि कश्मीर भारत का हिस्सा नहीं है। इसका मतलब गुलाब नवी आजाद पाकिस्तानी है और गांधी परिवार भी पाकिस्तानी है।
पीएम नरेन्द्र मोदी मेरे गहरे दोस्त
गुजरात के मुख्यमंत्री और अब प्रधानमंत्री से मेरी गहरी मित्रता है। चूंकि भावनगर में हमारी ससुराल है इसलिए हमारा उनसे एक गहरा व्यवाहारिक सामाजिक सम्बन्ध रहा है। इससे मैं इनकार नहीं करता, डरता भी नहीं हूं लेकिन इस समय अगर डा. मनमानेहन सिंह प्रधानमंत्री होते और उन्हें कोई गधा कहता, रावण, चूहा, चील और कौआ कहता तो क्या यह भाषा सही है। ये भाषा अगर कोई राहुल गांधी के लिए इस्तेमाल करे तो ठीक नहीं है और वे किसी के लिए करें तो कैसे ठीक हो सकती है।
आसिम आतंकियों के साथी
हाफिज इल्तेफाक फैजाबाद रोड में डायमंड नाम का होटल चलाते है और ये दाउद इब्राहिम के सगे भाई अनीस इब्राहिम के ससुर है। इल्तेफाक की लड़की सीमा है अनीस इब्राहिम की सरीके हयात है और वहां पर अबु आसिम आजमी जो इसी जनपद के हैं रूकते हैं। दिल्ली की क्राइम ब्रांच को मालूम है कि विस्फोट के बाद आतंकवादी या तो डायमंड रिसार्ट जाते हैं या फिर मुम्बई में अबु आसिम के यहां रहते है और मुम्बई विस्फोट के बाद डी कम्पनी के जितने लोग थे दाउद, इब्राहिम मिर्ची आदि को हटाने का काम उनकी ट्रेवल एजेंसी ने किया।
कोर्ट से कोई भी छूट जाता है
अबु आसिम ने धमकी दी है कि वे अदालत जाएंगे मेरे विरूद्ध। अच्छा होगा, छोटा राजन यहां है मैं उसके तलब कराकर पुछवाउंगा कि बताओ ये सत्य है या नहीं। आतंकवादी विस्फोट करने के बाद आजमगढ और उसके बाद डायमंड रिसोर्ट और फिर अबु आसिम के यहां मुम्बई जाते हैं। ऐसे लोग अगर सपा से सम्बद्ध है, तो उसके प्रवक्ता को देश के प्रधानमंत्री को आतंकवादी कहने का क्या अधिकार है। आप आतंकी कहिएगा, गधा कहिएगा, रावण कहिएगा और हम उसका विरोध करेंगे तो आप हमें गलत कहेंगे।
सोनिया मुलायम की दूरी का मतलब
अमर सिंह ने कहा कि मुलायम सिंह गठबंधन का प्रचार नहीं कर रहे, सोनिया गांधी भी नहीं निकली इसका क्या मतलब वह राहुल के विरोध में है। यह लोग नई पीढी को एक परिर्वतन का अवसर दे रहे हैं। शिवपाल और अमर सिह जैसे लोग हट जाए जो कददावर हैं। सोनिया जी का नहीं निकलना विरोध नहीं अवसर देना है। संदेश देना है कि इस्ट और बेस्ट राहुल इज बेस्ट।
मुलायम सिंह की बात काटने की हैसियत मेरी नहीं
अमर सिंह ने कहा कि मुलायम सिंह यादव ने अपनी इटावा की सभा में कहा कि आने वाले समय में मुझे नहीं लगता की सपा सत्ता में आएगी बल्कि भाजपा पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आ रही है। मुलायम सिंह की बात काटने की हैसियत मेरी नहीं है उनका आाकलन सही होगा, वे जमीन नेता है हमसे बड़े अनुभवी नेता है। उनके कथन के अनुसार भाजपा कम से कम 250 सीटे लेकर आएगी।
गठबंधन से मुस्लिम नाराज
अमर सिंह का मामना है कि सपा को कांग्रेस के साथ गठबंधन का खामियाजा भुगतना पड़ेगा। कांगेस के साथ गठबन्धन से मुसलमान सपा से काफी नाराज है इसकी नाराजगी का कारण तार्किक है। क्योंकि बाबारी मस्जिद के लिए जमीन का आवंटन नेहरू ने किया, मूर्तियां इंदिरा गांधी ने रखवाई और ताले राजीव गांधी ने खुलवाए।
बीरबहादुर सिंह और नेहरू की तिकडी व राष्ट्रीय एकता परिषद ने मस्जिद की सुरक्षा का दायित्व पीवी नरसिंहा राव को दिया था लेकिन वे सोते रहे और मस्जिद टूट गई। इसके टूटने से एक दिन पहले अर्जुन सिंह और कल्याण सिंह की बैठक थी उस बैठक में क्या हुआ अर्जुन सिंह तो रहे नहीं लेकिन कल्याण सिंह बताएंगे।
हम लोगों ने मुलामय के कहने पर सारी जिन्दगी एक ही बात कही है। या अल्लाह जिसने तेरा घर तोडा उसका गुरूर तोड़ दें, और या अल्लाह जिसने तेरा घर बचाया उसकी आबरू बचा ले। तो अल्लाह का घर तोडा है नापाक कांग्रेसियों ने इनका गरूर तोड दें, और अल्लाह का घर बचाया मुलायम सिंह ने इनकी आबरू बचा ले। अल्लाह का घर तोड़ने वाले और बचाने वाले दो किनारे हैं कभी मिल नहीं सकते।