सूरत। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी ने जम्मू एवं कश्मीर में आतंकवादियों के हमले के बीच बहादुरी दिखाकर कई जिंदगियां बचाने वाले अमरनाथ यात्रियों के बस चालक का नाम वीरता पुरस्कार के लिए नामित करने का फैसला किया है।
रूपानी ने हवाईअड्डे पर संवाददाताओं को बताया कि हम उस बस चालक का आभार जताते हैं, जिन्होंने भारी गोलीबारी के बीच कई जिंदगियां बचाईं। गुजरात सरकार वीरता पुरस्कार के लिए सलीम का नाम केंद्र सरकार के पास भेजेगी। वह हमले में जान गंवाने वाले श्रद्धालुओं के शव लेने यहां पहुंचे थे।
जम्मू एवं कश्मीर के अनंतनाग जिले में सोमवार शाम को अमरनाथ तीर्थयात्रियों पर किए गए हमले में सात लोगों की मौत हो गई, जबकि 19 अन्य घायल हो गए। सलीम ने संवाददाताओं को बताया कि भगवान ने उसे गोलीबारी के बीच बस चलाते रहने की शक्ति दी।
उन्होंने कहा कि सभी तरफ से गोलीबारी हो रही थी लेकिन मैं बस चलाता रहा और नहीं रूका। भगवान ने मुझे आगे बढ़ते रहने की हिम्मत दी। मैं कहीं भी नहीं रुका।
गुजरात के वलसाड में रहने वाले ड्राइवर सलीम के भाई जावेद ने कहा कि वह 7 लोगों की जान नहीं बचा पाया, लेकिन उन्होंने 50 लोगों को एक सुरक्षित स्थान तक पहुंचाया हमें उन पर गर्व है।
हमले के बाद बस में सवार यात्रियों के बयान के अनुसार उनकी बस अनंतनाग से 2 किमी दूर पंचर हो गई थी, जिसे बनाने में देर हो गई। जैसे ही बस निकली आतंकियों ने हमला कर दिया।
बस के एक यात्री के अनुसार वो लोग 5-6 की संख्या में थे और ताबड़तोड़ गोलियां बरसा रहे थे। हमने ड्राइवर से कहा की बस भगाता रह।
वहीं एक अन्य यात्री के अनुसार बस निकलते ही अचानक गोलियां बरसनी शुरू हो गई और हमारे ड्राइवर सलीम ने हिम्मत दिखाते हुए बस नहीं रोकी। आतंकी मिलिट्री कैंप तक बस पर गोलियां दागते रहे। यह चमत्कार ही है कि इतने लोगों में से 7 लोगों की मौत हुई और बाकी बच गए।
मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख देने का ऐलान
गुजरात सरकार ने जम्मू एवं कश्मीर में आतंकवादियों द्वारा मारे गए अमरनाथ तीर्थयात्रियों के परिजनों को 10-10 लाख रुपए की राशि देने का ऐलान किया है। गुजरात के उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने कहा है कि घायलों को दो-दो लाख रुपए की मुआवजा राशि दी जाएगी। इस घटना में हताहत होने वाले अधिकांश लोग गुजरात से हैं।