आबूरोड। हाथों में माता की ध्वजा उठाए चलते श्रद्धालु…, पैदल जातरुओं की मनुहार करते निशुल्क कैंटिन व स्टॉल संचालक…,चलो बुलावा आया है…, बोल म्हारी अम्बे…, जय माता दी…, मन तेरा मंदिर…, बोल अम्बे मात की जय… से गुंजायमान होता वातावरण। ऐसा ही नजारा गत चार दिनों से आबूरोड-अम्बाजी, दांता-अम्बाजी, खेड़ ब्रह्मा-अम्बाजी मार्ग पर देखने को मिला।…
मौका था अम्बाजी में भादरवीं पूर्णिमा के तहत आयोजित मेले का। मां के जयकारे लगाते श्रद्धालु पैदल ही उनके दरबार की तरफ कूंच करते दिखाई दिए। जगह-जगह लगाई गई निशुल्क चाय, फलाहार व अल्पाहार की स्टॉल संचालक श्रद्धालुओं की मनुहार करते नजर आए। पैदल जातरुओं का उत्साह देखते ही बनता था। इस दौरान प्रशासन की ओर से भी सुरक्षा के माकूल इंतजाम किए गए।
शहर से तेईस किमी दूर अम्बाजी में भादरवीं पूर्णिमा का मेले के तहत गत चार दिनों से श्रद्धालुओं के अम्बाजी पहुंचने का सिलसिला जारी है। श्रद्धालुओं की बड़ी तादाद मेंं पहुंचने के चलते मां के भक्तों की ओर से जगह-जगह स्टॉले लगाई गई है। इन स्टॉलों पर पैदल जातरुओं को अल्पाहार, चाय व पानी निशुल्क उपलब्ध करवाया गया। मां के दरबार में पहुंचने को आतुर श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बनता था। इस दौरान प्रशासन की ओर से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए। अम्बाजी मंदिर से पचास किमी की दूरी पर ही यातायात को डायवर्ट कर दिया गया।
श्रद्धालु की फैहरिस्त
गत तीन सितम्बर से श्रद्धालुओं का अम्बाजी पहुंचने का सिलसिला शुरु हो गया। अरासुरी अम्बाजी माता मंदिर ट्रस्ट के अनुसार मंगलवार तक तीस लाख 12 हजार 956 श्रद्धालु अम्बाजी पहुंचे। दो लाख 46 हजार 480 श्रद्धालुओं ने प्रसादी व भेजन ग्रहण किया। एक लाख 78 हजार 872 श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरण किया गया। वहीं मंगलवार तक 3 करोड़ 33 लाख 77 हजार 951 हजार रुपए की आय हुई।