भोपाल। मध्यप्रदेश में 12 अगस्त को 10 नगरीय निकायों के लिए हुए मतदान की आज मतगणना संपन्न हो चुकी है और व्यापमं के चलते प्रदेश में दोबारा अपना जनाधार बढ़ाकर अपनी जीत का सपना पाल रही कांग्रेस को न केवल मुंह की खानी पड़ी, बल्कि पूरी तरह धराशायी हो गई।
10 नगरीय निकायों में से 8 पर भाजपा का कमल खिल गया है, जबकि एक निकाय पर कांग्रेस और एक निकाय निर्दलीय ने कब्जा किया है।
रविवार को प्रात: 9 बजे से मतगणना जैसे ही शुरू, रूझान भाजपा के पक्ष में जाते दिखे। 10.30 बजे तक तो रूझान पूरी तरह भाजपा की तरफ झुक चुके थे और दोपहर 2 बजे तक तो पूरी तरह स्थिति साफ हो गई। प्रदेश के 10 नगरीय निकायों में आठ पर भाजपा ने कब्जा कर लिया है। इसमें दो नगर निगम भी शामिल है।
मुरैना और उज्जैन तथा दोनों ही जगह महापौर पद के भाजपा प्रत्याशियों अशोक अर्गल और मीना जोनवाल ने कांग्रेस उम्मीदवारों को परास्त करते हुए बाजी मार ली। वहीं, सारंगपुर नगर पालिका पर कांग्रेस का कब्जा हुआ, जबकि घुवारा नगर परिषद पर भाजपा से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लडऩे वाली अरुणा राजे तिवारी ने बाजी मारी।
उज्जैन नगर निगम पर भाजपा की महापौर प्रत्याशी मीना जोनवाल के साथ-साथ 39 में से 25 पार्षद प्रत्याशियों ने भी जीत का परचम फहरा दिया है। मुरैना नगर निगम में भी अशोक अर्गल ने बाजी मार ली है। वहीं, व्यापमं घोटाले को लेकर प्रदेशभर में सरकार की छवि खराब करने की कोशिश में जुटी कांग्रेस को एक बार फिर प्रदेशवासियों ने आईना दिखा दिया और 10 में से केवल एक नगर परिषद पर ही उसे जनता का साथ मिला।
इधर, हरदा नगर पालिका को कांग्रेस और भाजपा के बीच कांटे का मुकाबला बताया जा रहा है, लेकिन भाजपा की उम्मीदवार साधना जैन ने कांग्रेस प्रत्याशी ऊषा गोयल को 8 हजार से भी अधिक मतों से हराया। कांग्रेस के लिए महज सारंगपुर नगर पालिका से खुशखबरी मिली है, जहां पार्टी प्रत्याशी रूपल पटेल ने जीत दर्ज की है।