लाहौर। पाकिस्तान क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान आमिर सोहेल अपने उन आरोपों से पलट गए हैं, जिनमें उन्होंने कहा था कि पाकिस्तानी टीम मैच फिक्स करते हुए चैम्पियंस ट्रॉफी के फाइनल में पहुंची है। सोहेल ने देश में चारों ओर से हो रही आलोचना के बाद यू-टर्न लिया है।
पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ 124 रनों की करारी हार के साथ चैम्पियंस ट्रॉफी का आगाज किया था लेकिन इसके बाद श्रीलंका तथा दक्षिण अफ्रीका पर मिली लगातार जीत ने उसे ग्रुप बी से सेमीफाइनल में पहुंचा दिया।
सोहेल ने श्रीलंका पर पाकिस्तान की शानदार जीत के बाद ये आरोप लगाए थे लेकिन शुक्रवार को उन्होंने यू-टर्न लेते हुए कहा कि उन्होंने कभी भी राष्ट्रीय टीम पर मैच फिक्सिंग का आरोप नहीं लगाया। वह तो सिर्फ पाकिस्तानी कप्तान सरफराज अहमद की आलोचना कर रहे थे, जिन्होंने उस जीत को पूर्व कप्तान और महान बल्लेबाज जावेद मियांदाद को समर्पित करने से इंकार कर दिया था। मियांदाद उसी दिन अपना जन्मदिन मना रहे थे।
सोहेल ने पाकिस्तानी टीवी चैनल समा से कहा कि सरफराज से श्रीलंका के साथ हुए मैच के बाद पूछा गया था कि क्या वह यह जीत मियांदाद को समर्पित करना चाहेंगे। मैंने सुना है कि सरफराज ने ऐसा करने से इंकार कर दिया था। उन्होंने साथ ही यह भी कहा था कि मियांदाद टीम की काफी आलोचना करते हैं।
सोहेल ने कहा कि मेरा मतलब सिर्फ यह था कि सरफराज आज कप्तान बने हैं लेकिन मियांदाद पाकिस्तानी क्रिकेट में एक बड़ा नाम हैं। उन्हें ऐसी बातें नहीं कहनी चाहिए थीं। अगर मियांदाद कुछ कहते हैं तो वह टीम की भलाई के लिए है।
आगे मैंने पाकिस्तान को जीत दिलाने वाले के बारे में कहा था लेकिन मैंने किसी का नाम नहीं लिया था। मैंने यह भी नहीं कहा था कि मैच फिक्स हुआ है या फिर किसी तरह के षड़यंत्र की बू आ रही है। मेरी बातों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है। अगर पाकिस्तान जीत रहा है तो फिर मैच फिक्सिंग का एजेंडा क्यों सामने आएगा। मुझे पता नहीं कि कौन लोग इस तरह की बातें कर रहे हैं।
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड की चयन समिति के पूर्व अध्यक्ष ने यह भी कहा कि उन्होंने सरफराज के प्रतिभा की तारीफ की है और वह चाहते हैं कि एक कप्तान के तौर पर वह नई ऊंचाईयां प्राप्त करें।
बकौल सोहेल, मैंने यह कभी नहीं कहा कि सरफराज किसी और का एजेंडा फॉलो कर रहे हैं। मैंने 2015 से सरफराज का समर्थन किया है और कप्तान के तौर पर उनकी नियुक्ति की सिफारिश भी की है।
पाकिस्तानी टीम ग्रुप स्तर पर पहला मैच हारने के बाद सेमीफाइनल में पहुंची है जबकि इंग्लैंड की टीम ग्रुप-ए से सेमीफाइनल में पहुंची थी और उसने ग्रुप स्तर पर एक भी मैच नहीं गंवाया था और उसे फाइनल तथा खिताब का दावेदार माना जा रहा था लेकिन पाकिस्तान ने गेंद और बल्ले के साथ इंग्लैंड को दोयम साबित करते हुए फाइनल में भारत से भिड़ने का अधिकार हासिल किया।
पाकिस्तानी टीम की जीत काफी प्रभावशाली रही थी लेकिन सोहेल इससे बिल्कुल भी प्रभावित नहीं दिख रहे थे। वह मान रहे थे कि ‘बाहरी कारकों’ ने पाकिस्तान को फाइनल में पहुंचने में मदद की।
सोहेल ने एक पाकिस्तानी चैनल पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान कहा था कि सरफराज को यह बताने की जरूरत है कि उसने महान काम नहीं किया है। किसी ने तुम्हें और तुम्हारी टीम को मैच जीतने में मदद की है। इसलिए सरफराज को खुश होने की बिल्कुल जरूरत नहीं है। हम सभी जानते हैं कि यहां पर्दे के पीछे काफी कुछ चल रहा होता है। मैं फिलहाल यह सब बताने की इच्छा नहीं रखता कि उन्हें मैच कौन जिता रहा है।
सोहेल ने कहा कि अगर मुझसे कोई पूछेगा तो मैं यही कहूंगा कि लोगों की प्रार्थनाएं और अल्लाह उन्हें मैच जिता रहे हैं। पाकिस्तानी टीम मैदान पर अपने अच्छे खेल की बदौलत नहीं बल्कि बाहरी कारकों की बदौलत फाइनल में पहुंची है। इन लड़कों को अपने पैर जमीन पर रखते हुए अच्छा खेल दिखाने का प्रयास करना होगा।
सोहेल भी मैच फिक्सिंग मामले से जुड़े रहे हैं। पाकिस्तानी क्रिकेट को 1990 के दशक में झंकझोरने वाली इस घटना के वह भी गवाह रहे हैं। सोहेल 1992 में विश्व कप जीतने वाली पाकिस्तानी टीम के सदस्य रहे हैं।