कन्नूर। केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के गृहनगर कन्नूर में पदयात्रा की अगुवाई कर उनका सामना करने के लिए हुंकार भरने के बाद भाजपा अध्यक्ष अमित शाह गुरुवार को यहां पदयात्रा में शामिल नहीं हुए।
शाह की अनुपस्थिति के बावजूद भारतीय जनता पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने जन रक्षा यात्रा के तीसरे दिन अपने हाथों में पार्टी का झंडा और नारा लगाते हुए कन्नूर में मार्च निकाला। यहां भाजपा और आरएसएस के कार्यकर्ता मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के कथित अत्याचार और कार्यकर्ताओं की हत्या के खिलाफ पदयात्रा निकाल प्रदर्शन कर रहे हैं।
भाजपा ने बताया कि शाह को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली बुलाया है लेकिन माकपा ने आरोप लगाया कि शाह माकपा के मजबूत गढ़ और पिनाराई के शहर में पदयात्रा में शामिल होने से डर गए। यहां माकपा के बंद के आह्वान की वजह से अधिकतर दुकानें बंद रहीं।
माकपा के राज्य सचिव कोडियेरी बालाकृष्णन ने कहा कि शाह, पिनाराई के खिलाफ पदयात्रा करने में डर गए। उन्होंने कहा कि भाजपा के नेताओं ने दावा किया है कि शाह एक ‘शेर’ हैं और दृढ़ व्यक्ति हैं। लेकिन, आज यह स्पष्ट हो गया कि शाह बिना दांत के शेर हैं। शाह को यह भी अहसास हुआ है कि यह यात्रा विफल रही है।
शाह की अनुपस्थिति में भाजपा के राज्य इकाई अध्यक्ष कुम्मानेम राजशेखरन ने प्रदर्शन की अगुवाई की और कहा कि वह मुख्यमंत्री के गृहनगर में अकेले ही उनसे लोहा लेने के लिए काफी हैं। शाह की उपस्थिति अनिवार्य नहीं है।
शाह ने कन्नूर जिले के पायानुर में मंगलवार को भाजपा कार्यकर्ताओं की भारी भीड़ के साथ यात्रा की थी और गुरुवार को वापस आने का वादा किया था। पहले की योजना के अनुसार शाह गुरुवार को नौ किलोमीटर की यात्रा कर टिल्लीचेरी में जनसभा को संबोधित करने वाले थे।
भाजपा के एक प्रवक्ता ने बताया कि पिनाराई के शहर से यात्रा गुजरी और यहां क्षेत्र में दुकानें बंद होने के बावजूद लोगों की अच्छी खासी भीड़ देखी गई।