मुंबई। महानायक अमिताभ बच्चन ने अपनी नातिन नव्या और पोती अराध्या को दिल छू लेने वाली चिट्ठी लिखी है जिसमें उन्होंने दोनों से कहा है कि वे बढ़ती उम्र के साथ स्वतंत्र एवं मजबूत महिलाएं बनें। 18 साल की नव्या अमिताभ की बेटी श्वेता की बेटी है जबकि चार साल की अराध्या उनके बेटे अभिषेक की बेटी है।
अभिनेता ने चिट्ठी में लिखा कि दोनों लड़कियों को समृद्ध विरासत मिलने का सौभाग्य हासिल है लेकिन लड़कियां होने की वजह से उन्हें समाज की धारणाओं और विरोध का सामना करना होगा। लेकिन वह उनके सामने ना झुके।
उन्होंने लिखा कि तुम दोनों अपने नाजुक कंधों पर एक अनमोल विरासत संभाल रही हो – अराध्या, अपने परदादा डॉ हरिवंश राय बच्चन और नव्या, अपने परदादा एच पी नंदा की विरासत।
अमिताभ ने कहा कि तुम दोनों के परदादाओं ने तुम्हारे मौजूदा उपनामों को काफी सम्मान, गौरव और पहचान दिलाई है। तुम दोनों भले ही नंदा हो या बच्चन, लेकिन लड़कियां, महिलाएं भी हो। चूंकि तुम महिलाएं हों, लोग तुमपर अपनी सोच थोपेंगे, तुम्हारे लिए सीमाएं तय करेंगे।
वे तुमसे कहेंगे कि किस तरह के कपड़े पहनो, किस तरह व्यवहार करो, तुम किससे मिल सकती हो, कहां जा सकती हो। लोगों की धारणाओं के साये में मत जीना।
73 साल के अभिनेता ने दोनों को लिखा कि वे अपनी राह खुद चुनें, वह रास्ता जो दुनिया की नहीं बल्कि उनकी पसंद पर आधारित हो।
उन्होंने लिखा कि अपने विवेक के आधार पर तुम अपने फैसले लेना। किसी भी इंसान को यह समझाने मत दो कि तुम्हारी स्कर्ट की लंबाई से तुम्हारे चरित्र को मापा जा सकता है। किसी और की सोच को अपने उपर हावी मत होने दो कि तुम किससे दोस्ती करो ना करो।
अमिताभ ने लिखा कि तुम शादी करना चाहती हो, इस के अलावे किसी और कारण से शादी मत करना। लोग बात करेंगे। वे कुछ बुरी बातें कहेंगे। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि तुम्हें सबको सुनना है। लोग क्या कहेंगे, इसकी कभी चिंता मत करना।
खत के आखिरी हिस्से में अमिताभ ने कहा कि आज के समय में महिला होना आसान नहीं है लेकिन उन्हें उम्मीद है कि दोनों लड़कियांं हालात को बदलेंगी।
उन्होंने लिखा कि अंतत अपने काम के नतीजे का तुम्हें ही सामना करना है, इसलिए अपने लिए किसी और को फैसला ना लेने दो। नव्या – तुम्हारे नाम, उपनाम से तुम्हें जो विशेषाधिकार मिला है, वह महिला होने के नाते तुम्हारे सामने आनी वाली मुश्किलों से तुम्हें नहीं बचाएगा।
अमिताभ ने कहा कि अराध्या, जब तक तुम यह देखोगी और समझोगी, हो सकता हैै कि मैं तब तक ना रहूं। लेकिन मुझे लगता है कि मैं जो आज कह रहा हूं वह तब भी प्रासंगिक होगा। यह दुनिया महिलाओं के लिए एक मुश्किल दुनिया है। लेकिन मेरा मानना है कि तुम्हारे जैसी महिलाएं ही इसे बदलेंगी।
अपनी खुद की सीमा तय करना, खुद के फैसले लेना, दूसरों की धारणाओं से उपर उठना, भले ही आसान ना हो लेकिन तुम हर कहीं महिलाओं के लिए एक उदाहरण पेश कर सकती हो।
अभिनेता ने कहा कि उन्हें अपने नाम की बजाए उन दोनों के दादा, नाना के तौर पर जाने जाने पर ज्यादा गौरव महसूस होगा।
उन्होंने लिखा कि ऐसा करो औैर फिर मैंने अब तक जितना कुछ भी किया है, तुम उससे कहीं ज्यादा नाम करोगी। और मुझे अमिताभ बच्चन की बजाए तुम्हारे दादा, नाना के तौर पर पहचाने जाने पर सम्मान महसूस होगा।