कोलंबो। टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली को इसमें दिक्कत नहीं है कि यदि गुस्सा या आक्रामकता से खिलाड़ी सही दिशा में आगे बढ़ता है जैसा कि तेज गेंदबाज इशांत शर्मा के साथ हुआ जिन्होंने धम्मिका प्रसाद के साथ झड़प के बाद अच्छा प्रदर्शन किया।
प्रसाद के लगातार शार्ट पिच गेंद करने के बाद इशांत की श्रीलंका के तेज गेंदबाज और उनके साथी दिनेश चांदीमल के साथ झड़प हुई थी। इसके बाद उन्होंने चौथे दिन शाम को कातिलाना अंदाज में गेंदबाजी करके उपुल थरंगा और चांदीमल को आउट किया।
कोहली ने घटना के सकारात्मक पक्ष पर गौर करते हुए कहा कि जब वह बल्लेबाजी कर रहा था तब मैं उस घटना से बहुत खुश था। यह हमारे लिए सही समय पर हुआ क्योंकि सोमवार को हमने गेंदबाजी की और उन्होंने उसे गुस्सा दिला दिया। हमारे लिए यह घटना इससे बेहतर समय पर नहीं घट सकती थी।
कप्तान ने कहा कि इससे इशांत जोश से भर गया और उसने लगातार 19 ओवर तक कोई बाउंड्री नहीं दी। उन्होंने कहा कि और जिस तरह से उसने इशांत दूसरी पारी में गेंदबाजी की और लगातार 19 ओवर तक बाउंड्री नहीं दी। उन्होंने उस घटना के कारण उन बल्लेबाजों पर इस तरह का दबाव बनाया।
उसने अपनी जीजान लगा दी। गुस्साए तेज गेंदबाज से कप्तान को खुशी होती है। सोमवार को जो कुछ हुआ उससे वास्तव में मैं खुश था क्योंकि इससे कुछ चीजें हमारे पक्ष में हो गई। यह नियंत्रित होना चाहिए था लेकिन आखिर में इसका हमें फायदा मिला।
भारत कई मैचों को अंत में अंजाम तक पहुंचाने में विफल रहता है और कोहली से जब यह पूछा गया कि मौजूदा टीम में क्या बदल गया है तो उन्होंने कहा कि मैं बिलकुल सटीक नहीं बता सकता कि क्या बदलाव आया लेकिन एक अंतर जो मैंने देखा वह यह है कि हमने खेल में अहम लम्हों का फायदा उठाया। और श्रृंखला से पहले एक टीम के रूप में हमने इस बारे में बात की थी।
कोहली ने कहा कि जैसा कि मैंने कहा, टेस्ट मैच जीतने के लिए आपको 20 विकेट चटकाने की जरूरत है। गेंदबाजोंं ने इस श्रृंखला में साझेदारी में काफी अच्छी गेंदबाजी की। कप्तान के रूप में बदलाव करना और साझेदारी में गेंदबाजी काफी संतोषजनक रहा क्योंकि इसने हमारा काम काफी आसान कर दिया। मुझे लगता है कि यह श्रृंखला गेंदबाजों की है क्योंकि उन्होंने शानदार काम किया।
भारत को अगली टेस्ट श्रृंखला दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ घरेलू सरजमीं पर खेलनी है जिसमें अभी दो महीने का समय है। कोहली राहत महसूस कर रहे हैं कि उन्हें तुरंत टेस्ट क्रिकेट नहीं खेलना है क्योंकि ऐसी स्थिति में इतने सारे अच्छे प्रदर्शन को देखते हुए अंतिम एकादश चुनना मुश्किल होता।
इस श्रृंखला में कप्तानी के बारे में पूछने पर कोहली ने हंसते हुए कहा कि मैं यह नहीं कहना चाहता कि कप्तान के रूप में मेरा कद बढ़ा है क्योंकि जैसे की मैं गलती करूंगा, मेरे साथ दोबारा बच्चों जैसा व्यवहार किया जाएगा। कोहली ने कहा कि टेस्ट क्रिकेट में धैर्य सफलता की कुंजी है क्योंकि एक गलती मैच का पासा पलट सकती है।
कोहली ने कहा कि टेस्ट क्रिकेट में एक घंटे का खराब क्रिकेट या रणनीति को अंजाम नहंी दे पाना पूरे मैच का पासा पलट सकता है। इसलिए मुझे लगता है कि हमने संयम बनाए रखकर अच्छा काम किया, अहम मौकों पर अच्छा प्रदर्शन किया और यही कारण है कि 1-0 से पिछडऩे के बाद हम दो टेस्ट मैच जीतने में सफल रहे। कप्तान ने कहा कि उन्होंने मैच को अंजाम तक पहुंचाने के मुद्दे को सुलझा लिया है।
कोहली ने कहा कि हमने इसका हल ढंूढ लिया है और यह क्रिकेटर के रूप में सुधार करने की खिलाडिय़ों की भूख को दिखाता है। वह हिचकने की जगह मैच को खत्म करना चाहते हैं। हम सीखने के दौर से गुजरे हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले दो साल में कई लोगों ने दो टेस्ट से लेकर 15-16 मैच खेले हैं और यह सीखने का दौर है कि किस हालात में कैसे प्रतिक्रिया दी जाएा। समय के साथ इसमें बदलाव आया है और यह सिर्फ अनुभव आने के साथ होता है।