जयपुर। भूमिगत मेट्रो निर्माण के दौरान प्राचीन मंदिरों को तोड़ने के विरोध में संघर्ष कर रही धरोहर बचाओ समिति अब विप्र संसद का आयोजन करेगी।
आगामी रविवार को एमएलए क्वार्टर जालूपुरा स्थित गौड़ विप्र सीनियर सैकंडरी विद्यालय में होने वाली इस संसद में शहर के धर्माचार्यों, वेदाचार्यों, ज्योतिषाचार्यों, साधु-संतों, पंडितों और विद्वतजनों को बुलाया जाएगा।
समिति के संरक्षक भारत शर्मा ने बताया कि शहर की आम जनता प्राचीन मंदिरों पर सरकारी हथौड़ा चलने से नाराज है। सरकार प्राचीन धरोहरों का संरक्षण करने की बजाय उन्हें ध्वस्त करने पर आमादा है और सरकार के मंत्री शास्त्रों का हवाला देकर अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं।
इस कारण समिति ने विप्र संसद बुलाने का फैसला किया है, जिसमें शास्त्रों और वेदों के आधार पर चर्चा की जाएगी।
गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले नगरीय विकास मंत्री राजपाल सिंह शेखावत और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी ने कहा था कि शास्त्रों में कहा गया है कि शिव मंदिर को हटाकर दूसरे स्थान पर पुर्नस्थापित किया जा सकता है।