नई दिल्ली। हाल तक नोटबंदी के मुद्दे पर केंद्र सरकार का समर्थन कर रहे आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के रूप में विपक्षी दलों को एक नया साथी मिल गया है।
केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद से नकदी की किल्लत और दूसरी परेशानियों से जूझने के बाद नायडू का भी सब्र टूट गया है।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा है कि नोटबंदी के कारण हो रही परेशानियों को कम करने के बारे में मैं रोजाना सोचता हूं और समस्या के सामाधान के लिए दो घंटे रोज समय देता हूं। लेकिन हम इस समस्या का समाधान ढूंढने में असफल हैं।
नायडू ने कहा कि मैं इस समस्या पर सिर खपा रहा हूं लेकिन कोई हल नहीं मिल पा रहा है। आपको बता दें कि इससे पहले नायडू मोदी सरकार के इस फैसले की तारीफ कर चुके हैं।
चंद्रबाबू ने विजयवाड़ा में अपनी पार्टी के सांसदों, विधायकों, विधान पार्षदों और अन्य नेताओं के एक कार्यशाला को संबोधित करते हुए ये बातें कही। नायडू ने कहा कि हमने नोटबंदी की चाह नहीं रखी थी, लेकिन ऐसा हुआ।
नोटबंदी के 40 दिनों से अधिक बीत जाने के बाद भी बहुत सी परेशानियां हैं, लेकिन अभी भी हल निकलता नहीं दिख रहा है। यहां उल्लेख कर दें कि चंद्रबाबू नायडू नोटबंदी पर गौर करने के लिए बनी 13 सदस्यीय केंद्रीय समिति के प्रमुख भी हैं।
आंध्र के मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को अपनी बुनियादी जरूरत की चीजें खरीदने के लिए नई करेंसी नहीं मिल पा रही है| यह काफी तकलीफदेह बात है। बैंक तथा एटीएम में रोज कैश की किल्लत नजर जा रही है।
चंद्रबाबू नायडू ने आरबीआई को भी सवालों के घेरे में खड़ा किया और कहा कि जिन लोगों को नोटबंदी के संकट के प्रबंधन में लगाया गया है, वे कुछ भी करने के काबिल नहीं हैं। आरबीआई भी इस मामले में कुछ करने में सक्षम नजर नहीं आ रहा है।